न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। देश में लोग आमतौर पर इनकम टैक्स देने से बचना चाहते हैं। उनको लगता है कि उनकी मेहनत की कमाई पर यह टैक्स बेकार में वसूल लिया जाता है। अगर आप भी टैक्स देने से बचते हैं तो अभी से सावधान हो जाइए क्योंकि ऐसा करने पर आपकी कमाई का 20% हिस्सा टीडीएस के तौर पर काट लिया जाएगा।
बजट से पहले सरकार ने टैक्स डिडक्शन सोर्स (TDS) को लेकर बड़ा बदलाव कर दिया है, जिसके तहत यदि किसी कर्मचारी ने अपनी कंपनी को पैन कार्ड या आधार की जानकारी नहीं दी तो उसके वेतन से 20 फीसदी या ज्यादा स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) हो सकती है।
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सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) ने कंपनियों और नियोक्ताओं को सख्त हिदायत दिए हैं। सर्कुलर में कहा गया कि आयकर की धारा 206 (AA) के अनुसार यह अनिवार्य है कि कर्मचारियों को ऐसी राशि जिसपर कर टैक्स कटने लायक हो, इसके लिए उन्हें अपने पैन और आधार की जानकारी कंपनी को या अपने नियोक्ता को देनी होगी।
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टैक्स देने वालों को अपनी कंपनी को सही विवरण देना होगा। नियम के मुताबिक अगर कर्मचारी अपना विवरण नहीं देता है तो उसकी आय के स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) ज्यादा ऊंची दर से काटी जाएगी। आयकर विभाग ने जानकारी नहीं देने की स्थिति में ऊंचे रेट पर टीडीएस काटने की तीन स्थितियां रखी हैं।
CBDT ने नियम में यह भी कहा है कि अगर धारा 192 के तहत TDS कैलकुलेट करने पर यह टैक्सेबल लिमिट के अंदर आता है तो कर्मचारी को कोई टैक्स नहीं देना होगा, लेकिन अगर वहीं धारा 192 के तहत TDS कैलकुलेट करने पर यह टैक्सेबल लिमिट के ऊपर जाता है तो धारा 192 के प्रावधान के तहत लागू रेट के हिसाब से इनकम टैक्स का एवरेज रेट तय किया जाएगा।
सर्कुलर में यह बात दोहराई गई कि नियोक्ताओं को कर कटौती और सग्रह खाता संख्या (टैन) लेना चाहिए और चालान, टीडीएस प्रमाण पत्र, स्टेटमेंट और जारी होने वाले अन्य दस्तावेजों में उसे दर्ज करना चाहिए। ऐसा नहीं करने की स्थिति में कंपनी पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लग सकता है।
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