जुबिली न्यूज डेस्क
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक नीरज बोरा के आवास पर छापेमारी की खबर का खुद विधायक ने खंडन किया है। उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर लिखा कि, उनकी छवि ख़राब करने के लिए साजिश की जा रही है।
बता दें कि इससे पहले कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि, उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित पालना गृह घोटाले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) कर रही है। सीबीआई ने इस मामले में अब जांच तेज कर दी है। मंगलवार की रात लखनऊ में सीबीआई की टीम ने सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक के आवास पर छापेमारी की।
खबरे यह भी आने लगी थी कि सीबीआई के अधिकारियों ने लखनऊ से भाजपा विधायक नीरज बोरा के घर छापेमारी के साथ ही उनके दो भाइयों से इस मामले में पूछताछ की। इस घोटाले में विधायक की संस्था का भी नाम आ रहा है, जिसके बाद सीबीआई ने यह रेड की। एनजीओ से जुड़े दस्तावेज भी खंगाले गये हैं।
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बच्चों की देखभाल से जुड़ी इस योजना में भारी धांधली की बात सामने आने के बाद इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी। इस स्कैम में कई नेताओं और अधिकारियों के करीबियों के एनजीओ के नाम सामने आ रहे हैं।
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बताते चलें कि इस धांधली में 250 से अधिक एनजीओ की भूमिका जांच के दायरे में है। पालना गृह में श्रमिकों को चिह्नित करने के बाद उनके पूरे परिवार का ब्यौरा ले श्रम विभाग में पंजीकरण कराने के बाद 25 बच्चों को रखे जाने की योजना थी। सीबीआई जांच में यह बात सामने आई थी कि कई एनजीओ ने पहले से ही पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों के नाम रजिस्टर पर दर्ज कर लिए।
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