जुबिली न्यूज डेस्क
गाजा पर इजरायल के भीषण जमीनी हमले की तैयारी के बीच फलस्तीन ने दोस्त भारत से गुहार लगाई है। फलस्तीन के भारत में राजदूत अदनान एमजे अबुअलहायजा ने कहा है कि भारत इस महासंकट की इस घड़ी में बड़ी भूमिका निभा सकता है। अदनान ने कहा कि पीएम मोदी का इजरायल और फलस्तीन दोनों ही सम्मान करते हैं। मैं पीएम मोदी से अनुरोध करता हूं कि वह कुछ करें।
बता दे कि फलस्तीनी राजदूत ने पीएम मोदी से यह गुहार ऐसे समय पर लगाई है जब इजरायल ने हमास के हमले के बाद उत्तरी गाजा के 11 लाख लोगों को दक्षिण की ओर जाने के लिए कह दिया है। इससे पहले पीएम मोदी ने हमास के हमले को ‘आतंकी’ घटना करार दिया है।हमास और इजरायल के बीच इस युद्ध में अब तक 3200 लोग मारे गए हैं। इसमें इजरायल के कम से कम 1300 और फलस्तीन के 1900 लोग शामिल हैं।
इजरायल के मृतकों में 258 सैनिक शामिल हैं। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ऐलान किया है कि अभी यह बस शुरुआत है और हमारे दुश्मनों ने कीमत चुकानी शुरू की है। इजरायल ने अपने 3 लाख सैनिकों को गाजा की सीमा के पास तैनात कर दिया है और कभी भी जमीनी हमला शुरू हो सकता है। इस बीच पूरी दुनिया में इस हिंसा को लेकर समर्थन और विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं।
‘इजरायल-फलस्तीन में भारत बने मध्यस्थ’
मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में राजदूत अदनान ने कहा कि भारत एक सम्मानित शक्ति है। हम चाहते हैं कि भारत एक मध्यस्थ की भूमिका निभाए और इजरायल को हमारी जमीन को हड़पने से रोके। हम चाहते हैं कि भारत फलस्तीन के वेस्ट बैंक इलाके में रह रहे 22 लाख लोगों के लिए मानवीय मदद भेजे। उन्होंने कहा कि ओस्लो समझौते की हत्या हो गई है। अब दो देश के हल का कोई महत्व नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि दुनिया ने जिस तरह से इजरायल के साथ एकजुटता दिखाई, उतना कभी भी फलस्तीन के साथ नहीं दिखाया गया। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका को इस संकट का हल तलाश करना होगा।
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इससे पहले पीएम मोदी ने ट्वीट करके हमास के हमले को ‘आतंकी घटना’ बताकर साफ कर दिया था कि फलस्तीन के साथ भारत की दोस्ती जरूर है लेकिन किसी भी आतंकवादी घटना को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। हालांकि भारत अभी भी इजरायल और फलस्तीन दो देश बनाए जाने के प्रस्ताव पर अभी भी कायम है।