जुबिली न्यूज डेस्क
पश्चिम उत्तर प्रदेश के एटा जिले के एक गांव में पाकिस्तानी महिला के ग्राम प्रधान बनने मा मामला सामने आया है। जब खुलासा हुआ कि महिला पाकिस्तानी नागरिक है तो शिकायत होने पर दिसंबर के पहले सप्ताह में महिला ने प्रधान पद से इस्तीफा दे दिया।
इस मामले की जांच के बाद जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) ने सचिव को रिपोर्ट दर्ज कराने के आदेश दिए हैं।
बताया जाता है कि जो महिला प्रधान चुनी गई थी उनका एटा के गुदारू गांव में 35 साल पहले निकाह हुआ था। वह भारत में लॉन्ग टर्म वीजा पर रह रही है।
दरअसल यह महिला मूल रूप से पाकिस्तान के कराची की रहने वाली बानो बेगम बताई जा रही है। करीब 35 साल पहले गांव के अख्तर अली से उनका निकाह हुआ था। वह अभी तक लॉन्ग टर्म वीजा पर भारत में रह रही है और उसे भारत की नागरिकता अभी तक नहीं मिली है।
साल 2015 में हुए पंचायत चुनाव में वह ग्राम पंचायत सदस्य चुनी गई थी। इसी साल 9 जनवरी 2020 को ग्राम प्रधान शहनाज बेगम का देहांत हो गया तो सियासी समीकरण के चलते बानो बेगम को सदस्यों ने कार्यवाहक प्रधान चुन लिया।
बानो बेगम के ग्राम प्रधान बनने के बाद गांव के कुवैदान खां ने इसी माह 10 दिसंबर को डीपीआरओ से महिला के पाकिस्तानी होने की शिकायत की। पुलिस की जांच में यह आरोप सही पाया गया तो बानो बेगम को प्रधान पद से इस्तीफा देना पड़ा।
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जांच में महिला के पाकिस्तानी नागरिक होने, उसका भारत का वोटर कार्ड, आधार कार्ड बनवाने का खुलासा हुआ। डीपीआरओ ने अब ग्राम पंचायत सचिव को बानो बेगम के खिलाफ एफआइआर कराने का आदेश दिया है।
ग्रामीणों के अनुसार ग्राम प्रधान शहनाज बेगम की मौत के बाद संचालन समिति बनाई गई थी और बानो बेगम को ग्राम पंचायत सचिव ने बतौर अध्यक्ष पेश किया था। उस सचिव को भी इस ग्राम पंचायत क्षेत्र से हटा दिया गया है।
जिला प्रशासन के मुताबिक गुदाऊ की कार्यवाहक प्रधान बनी पाकिस्तानी मूल की बानो बेगम के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं। उसके नाम से भारतीय अभिलेख बनवाने में सहयोग करने वालों का पता लगाकर कार्रवाई की जाएगी।
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