जुबिली न्यूज डेस्क
लगातार बढ़ रहे आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने अब अपनी अवाम के खून-पसीने की कमाई की अंतिम बूंद को भी निचोड़ने का फैसला कर लिया है. आईएमएफ की शर्तों के आगे घुटने टेक चुकी पाकिस्तान की शहबाज शरीफ की सरकार ने एक दिन पहले ही 170 अरब रुपये के नए टैक्स लगाने की घोषणा की है. खबर के मुताबिक सरकार ने अब 150 जरूरी दवाओं के दाम बढ़ाने का मन बना लिया है.
पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने शुक्रवार को कहा था कि पाकिस्तान सरकार को 7 अरब डॉलर के कर्ज के लिए आईएमएफ से नियमों और शर्तों पर एक मसौदा मिला है. नकदी की कमी के संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान के लिए ये कर्ज मिलना बहुत जरूरी है.
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आईएमएफ एक टीम ने 31 जनवरी से 9 फरवरी तक इस्लामाबाद का दौरा किया. जिसमें उसे दिए जाने वाले कर्ज की शर्तों को लेकर बातचीत हुई. पाकिस्तान सरकार को आईएमएफ की शर्तों को मानने के अलावा कोई और विकल्प भी नहीं है. पाकिस्तान क विदेशी मुद्रा 3 अरब अमरीकी डॉलर से नीचे गिर गया है.
आम जनता को महंगाई की मार
आर्थिक संकट से बचाने के लिए अब पाकिस्तान को आईएमएफ से बेलआउट पैकेज की सख्त जरूरत है. अगर सब कुछ तय शर्तों के हिसाब से हुआ तो पाकिस्तान को अगली किश्त के रूप में 1.2 अरब डॉलर मिलेंगे. आईएमएफ की शर्तों पर पाकिस्तान सरकार की सहमति के बाद वित्त मंत्री डार ने कहा कि देश में 170 अरब रुपये का टैक्स लगाया जाएगा. हालांकि, उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेगी कि टैक्स का सीधा बोझ आम जनता पर न पड़े. इसका मतलब है कि पाकिस्तान की आम जनता को आने वाले वक्त में और महंगाई को झेलना होगा.
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