न्यूज डेस्क
भारत और पाकिस्तान के बीच रविवार को करतारपुर कॉरिडोर को लेकर अहम वार्ता होनी है। इसको लेकर पाकिस्तान ने भारत के दबाव में झुकते हुए एक अहम कदम उठाया है। पाकिस्तान ने मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के खास गुर्गे और खालिस्तानी समर्थक गोपाल सिंह चावला को पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से बाहर कर दिया गया है।
चावला अब करतारपुर कॉरिडोर कमेटी का भी सदस्य नहीं है। भारत ने करतारपुर कॉरिडोर कमेटी में गोपाल सिंह चावला को शामिल किये जाने पर नाराजगी जताई थी। इसी मुद्दे पर भारत ने पिछली बैठक को रद्द कर दिया था। इसके बाद रविवार को अटारी-वाघा बॉर्डर पर शुरु होने वाली बैठक से पहले पाकिस्तान सरकार ने गोपाल सिंह चावला को इस कमेटी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
पीएसजीपीसी पाकिस्तान में स्थित सभी गुरुद्वारों की देखरेख करती है। जिसमें करतारपुर गुरुद्वारा और कॉरिडोर भी शामिल है। पीएसजीपीसी सदस्यों से संबंधित अधिसूचना पाकिस्तान सरकार ने शुक्रवार देर रात जारी की है। नई अधिसूचना में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चार सदस्य, उत्तरी खैबर पख्तूख्वा के तीन, सिंध के दो और बलूचिस्तान के एक सदस्य का नाम शामिल हैं
इससे पहले भी करतारपुर कॉरिडोर को लेकर अप्रैल 2019 में वार्ता होनी थी लेकिन भारत ने इस वार्ता को रद्द कर दिया था। इस वार्ता से पहले पाकिस्तान ने करतापुर कॉरिडोर की निगरानी के 10 सदस्यों की कमेटी का ऐलान किया था तो भारत बेहद नाराज हुआ था।
इस कमेटी खालिस्तानी मूवमेंट को हवा देने वाले गोपाल सिंह चावला, मनिंदर सिंह, तारा सिंह, बिशन सिंह और कुलजीत सिंह जैसे नाम थे। भारत सरकार के सूत्रों ने कहा था कि ये नाम भारत में अलगाववादी और देशविरोधी गतिविधियों में शामिल रहते थे। भारत ने इस मसले पर पाकिस्तान के डिप्टी हाई कमिश्नर को बुलाकर सफाई भी मांगी थी।
भारत की नाराजगी के बाद ही पाकिस्तान ने नयी कमेटी का ऐलान किया है। 14 जुलाई को होने वाली इस बैठक में यात्रियों की आसान आवाजाही, यात्रियों की संख्या, बुनियादी सुविधाएं, विवादित पुल का मुद्दा सामने आएगा। वहीं, इस बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव (आंतरिक सुरक्षा) एससीएल दास और विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान) दीपक मित्तल करेंगे। वहीं पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व दक्षिण एशिया और सार्क महानिदेशक डॉ. मोहम्मद फैसल करेंगे।