न्यूज डेस्क
अलग-थलग पड़े पाकिस्तान को ये भलीभांति एहसास है कि भारत का विरोध उसके लिए भारी पडऩेवाला है। पाकिस्तान ने माना है कि उसकी राह आसान नहीं है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा, ‘इस मसले को समझदारी से आगे ले जाना काफी जटिल है। संयुक्त राष्टï्र की सुरक्षा परिषद में वे हमारे लिए हार लेकर नहीं खड़े हैं। सुरक्षा परिषद में जो पांच स्थायी सदस्य हैं उनमें से कोई भी रुकावट बन सकता है। आपको कोई शक है? आपको इस चीज को लेकर सावधान रहना होगा।’
कुरैशी ने आगे कहा कि पाक ने इस मामले पर तमाम दूसरे देशों से मदद मांगी है। पीएम इमरान खान ने तुर्की, ईरान और इंडोनेशिया समेत तमाम दूसरे देशों की सरकारों से संपर्क किया है।’
पाकिस्तानी विदेश मंत्री के मुताबिक इन देशों के नेताओं को बताया गया है कि भारत सरकार ने किस तरह बिना किसी को भरोसे में लिए अपनी मर्जी के हिसाब से कश्मीर की कानूनी स्थिति में बदलाव कर दिया है। उन्होंने कहा कि चीन ने इस प्रक्रिया में पाकिस्तान का समर्थन करने का भरोसा भी दिया है।
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गौरतलब है कि भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर से धारा 370 निष्प्रभावी किए जाने का पाकिस्तान में विरोध हो रहा है। हताश-निराश पाकिस्तान इस फैसले के विरोध में कई कदम उठाए हैं।
पाक ने जहां भारतीय राजदूत को निष्कासित कर दिया है और अपने राजदूत को भी भारत से वापस बुला लिया है। साथ ही, उसने समझौता एक्सप्रेस, थार एक्सप्रेस और लाहौर-दिल्ली बस सेवा भी खत्म कर दी है।
पाकिस्तान ने भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार खत्म करने का ऐलान भी किया है। उधर, भारत का कहना है कि पाकिस्तान को नई सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए और अपने इस फैसलों की समीक्षा करनी चाहिए।
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