जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. भारत-पाकिस्तान सीमा पर ड्रोन के ज़रिये आईईडी गिराए जाने का मामला प्रकाश में आया है. जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह के मुताबिक़ यह विस्फोटक भीड़ वाले बाज़ार में विस्फोट कराने के लिए भेजा गया था. उन्होंने कहा कि फरवरी में हुए संघर्ष विराम समझौते के बावजूद पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आ रहा है.
जम्मू-कश्मीर के डीजीपी ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों की लगातार मुस्तैदी की वजह से पाकिस्तान पोषित आतंकी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैय्यबा से जुड़े आतंकियों के पास गोला बारूद और हथियारों की कमी हो गई है. यही वजह है कि पाकिस्तान ने अब ड्रोन के ज़रिये इनकी आपूर्ति करने का बीड़ा उठाया है. डीजीपी ने एक समाचार एजेंसी से कहा कि सितम्बर 2020 से ही पाकिस्तान भारतीय सीमा पर ड्रोन के ज़रिये हथियार, गोला-बारूद और नगदी गिराने का काम कर रहा है. भारतीय सुरक्षाबल ने एक ड्रोन को 23 जुलाई को हवा में ही मार गिराया था.
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उन्होंने बताया कि बाज़ार में विस्फोट की नियत से भारतीय सीमा पर करीब पांच किलोग्राम आईईडी गिराया गया है. ख़ुफ़िया विभाग के पास पहले से ही इस बात का एलर्ट था कि जैश-ए-मोहम्मद जम्मू के भीड़ वाले बाज़ार में विस्फोट की प्लानिंग बना रहा है. उन्होंने बताया कि 23 जुलाई को गिराए गए ड्रोन और साल भर पहले कठुआ में गिराए गए ड्रोन के उड़ान नियंत्रण क्रम में सिर्फ एक अंक का ही अंतर है. इस ड्रोन में चीन और ताइवान के उपकरण पाए गए हैं.