न्यूज डेस्क
जम्मू कश्मीर को लेकर केंद्र सरकार द्वारा उठाये गये कदम से भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में हलचल तेज हो गयी है। इस दौरान मंगलवार को पाकिस्तान ने नेशनल असेंबली और सीनेट का संयुक्त सत्र की आपात बैठक बुलाई गयी। हालांकि, इस बैठक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान नदारद थे जिस वजह से विपक्ष ने जमकर हंगामा किया और सत्र को 20 मिनट के बाद ही स्थगित कर दिया गया। इस बीच पाकिस्तान सरकार के मंत्री फवाद हुसैन ने कहा कि भारत ने कश्मीर को फ़िलिस्तीन बनाने की कोशिश कर रहा है। अगर जंग हम पर थोपी गयी तो हम जंग के लिए तैयार है।
बता दें कि भारत द्वारा जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा छीनते ही ऐसी खबरें आने लगी थी की पाकिस्तानी विपक्षी दलों ने संयुक्त बैठक बुलाने की मांग कर सकता है। इस वजह से मंगलवार को यह बैठक बुलाई गयी। दरअसल पाकिस्तान में बुलाई गयी संयुक्त सत्र की बैठक को लेकर विपक्षियों को उम्मीद थी कि कश्मीर मुद्दा सभी राजनितिक मुद्दों से ऊपर है। इसलिए पीएम इमरान जरुर शामिल होंगे।
इस बैठक को बुलाने के लिए सबसे पहले विपक्षी नेता पीपीपी (pakistan people party) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी मांग की थी। साथ ही वो बैठक में शामिल होने के लिए कराची से इस्लामाबाद आ गए थे। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा मंगलवार को रावलपिंडी में कोर कमांडर की बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
दिव्पक्षीय समझौते के तहत हो निपटारा
इसके अलावा पाकिस्तान इस मामले को संयुक्त राष्ट्र में उठाने पर विचार कर रहा है। पाकिस्तान का मानना है कि कश्मीर एक विवादित क्षेत्र है और दिव्पक्षीय समझौते के तहत ही इसको निपटाना होगा। बता दें कि भारत सरकार ने अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए को खत्म करके जम्मू कश्मीर को विधानसभा के साथ एक केंद्र शाशित प्रदेश और लद्दाख को बिना विधानसभा के एक केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है।
भारत पूरी तरह से तैयार
भारत की केंद्र सरकार इस फैसले लेने से पूर्व समझ चुकी थी की अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अभी इसकी लड़ाई लंबी चलेगी। इसको लेकर भी वो पूरी तरह से तैयार है। संयुक्त राष्ट्र से लेकर दूसरे मंचों पर पाकिस्तान की हर साजिश का कूटनीतिक तरीके से जवाब देने के लिए पूरी तरह से कमर कस ली है। इसके लिए विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार कई राजनयिकों ने अपने स्तर पर सरकार के इस फैसले के बारे में जानकारी की बात कही थी उन्हें विदेश मंत्रालय की तरफ से जानकारी उपलब्ध कराई गई है।
पाकिस्तान कई संघटनों के समक्ष रखेगा यह मुद्दा
वहीं, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस मसले में भारत के फैसले की आलोचना करते हुए कहा है कि पाकिस्तान इसका हर तरीके से विरोध करेगा। उन्होंने कहा है कि उनका देश भारत सरकार के इस फैसले को संयुक्त राष्ट्र, इस्लामिक सहयोग संगठन, मित्र देशों और मानवाधिकार संगठनों के समक्ष उठाएगा और उनसे इस मुद्दे पर चुप नहीं रहने का अनुरोध करेगा।