जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. पाकिस्तान में सत्ता और सेना एक बार फिर आमने सामने हैं, प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के बीच तल्खियां इस कदर बढ़ गई हैं कि सेना ने इमरान खान की हुकूमत को हटाने का मन बना लिया है. सरकार और सेना के बीच यह तल्खियां पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख की नियुक्ति के मुद्दे पर शुरू हुई हैं. इमरान खान की मर्जी से लेफ्टीनेंट जनरल नदीम अंजुम को 20 नवम्बर को आईएसआई का डायरेक्टर जनरल बनाया जा रहा है जबकि सेना प्रमुख बाजवा चाहते थे कि लेफ्टीनेंट जनरल फैज़ हमीद को आईएसआई का मुखिया बनाया जाए.
जानकारी मिली है कि सेना ने इमरान खान के सामने यह प्रस्ताव रखा है कि वह 20 नवम्बर से पहले या तो आईएसआई के डीजी पद पर की जा रही नियुक्ति में उसी नाम पर सहमति जता दें जो सेना प्रमुख ने बताया है या फिर अपने पद से खुद ही इस्तीफ़ा देकर हट जाएं. सेना का सरकार पर इस हद तक दबाव बढ़ गया है कि सरकार को समर्थन दे रहे मुतहिदा कौमी मूवमेंट और पाकिस्तान मुस्लिम लीग ने सरकार से समर्थन वापस ले लेने का फैसला कर लिया है. दोनों सहयोगी दल इसी महीने सरकार की तरफ बढ़ा मदद का हाथ वापस खींच लेंगे.
सेना ने इमरान खान को हटाये जाने के बाद शाहबाज़ शरीफ या फिर परवेज़ खटक में से किसी एक को प्रधानमंत्री बनाने के लिए भी सहमति बना ली है. कहा जा रहा है कि पाकिस्तान में सरकार के खिलाफ जो प्रदर्शन इन दिनों चल रहे हैं उसके पीछे भी सेना का समर्थन ही शामिल है. ऐसे हालात से यह साफ़ तौर पर नज़र आ रहा है कि इमरान हुकूमत अब पाकिस्तान में बहुत ज्यादा दिनों की मेहमान नहीं है.
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