जुबिली स्पेशल डेस्क
लाहौर। पाकिस्तान में लगातार राजनीतिक हलचल देखने को मिल रही है। विपक्ष दलों द्वारा पीएम इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आने से वहां राजनीतिक तनाव बढ़ गया है। अब तो सत्ता में बैठे कई सहयोगी भी इमरान खान का साथ छोड़ रहे हैं।
हालांकि इमरान खान को अब तीन अप्रैल तक की मोहलत तब मिल गई जब पाकिस्तानी नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर ने सदन को बहस से पहले 3 अप्रैल सुबह 11.30 तक के लिए स्थगित करने का फैसला किया है।
ऐसे में पाकिस्तान सरकार और इमरान को कुछ मोहलत जरूर मिल गई। वहीं इससे पहले प्रधानमंत्री इमरान खान अपनी कुर्सी बचाने के लिए एक नया दांव चला है। इमरान खान ने विपक्ष के नेता को संदेश भेजा है। इस संदेश में कहा गया है कि अगर उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव वापस लिया जाता है तो वो असेंबली को भंग कर देंगे।
हालाँकि संसद भंग करने का इमरान के प्रस्ताव को विपक्ष ने खारिज कर दिया है और विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाने पर अड़ा है इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर आज से चर्चा भी शुरू हो गई थी।
उधर इमरान के खिलाफ नेशनल असेंबली में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले उनकी सहयोगी पार्टी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान यानी एमक्यूएम-पी ने उनके खिलाफ वोट करने का एलान किया है। इमरान खान ने गुरुवार को राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की बैठक की।
मंगलवार देर रात को विपक्षी पार्टियों के गठबंधन के साथ एमक्यूएम-पी ने बैठक की और बुधवार को अपने फैसले का ऐलान किया।
बुधवार को तड़के पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने ट्वीट किया, ”संयुक्त विपक्ष और एमक्यूएम के बीच समझौता हो गया है। हम कल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया के साथ ये फैसला साझा करेंगे। बधाई हो पाकिस्तान।”
इस फैसले के बाद इमरान खान के पास सरकार में बने रहने के लिए जरूरी संख्या जुटा पाने का संकट गहराता ही जा रहा है।
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एमक्यूएम-पी के पास 7 सदस्य हैं। अब तक माना जा रहा है कि विपक्ष के पास असेंबली में 169 सदस्य हैं, वहीं इमरान खान की पार्टी पीटीआई के पास 171 सदस्य हैं।
अगर एमक्यूएम-पी के सात सदस्य इमरान खान के खिलाफ वोट करते हैं तो ऐसे में उनके लिए ये अविश्वास प्रस्ताव जीतना बेहद मुश्किल हो जाएगा।