Sunday - 27 April 2025 - 10:02 AM

PAK ने फिर तोड़ा सीजफायर, LOC पर रातभर गोलाबारी

जुबिली स्पेशल डेस्क

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। इतना ही नहीं दोनों देशों के बीच जंग जैसे हालात भी बनते दिख रहे हैं। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारतीय सेना लगातार एक्शन में है और लोकल आतंकियों की तलाश में बड़े स्तर पर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।

इस बीच शनिवार (26 अप्रैल) की रात को पाकिस्तान सेना ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर तुतमारी गली और रामपुर सेक्टर के सामने स्थित भारतीय चौकियों पर गोलीबारी की।

स्थानीय मीडिया के अनुसार पाकिस्तान की तरफ से जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर लगातार गोलीबारी की गई। भारतीय सेना ने भी इस गोलीबारी का जवाब दिया. भारतीय सेना के अनुसार, इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ है।

बता दे कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद सेना ने घाटी में आतंक के खिलाफ बड़ा अभियान छेड़ दिया है। अब तक दो आतंकियों को मार गिराया जा चुका है, और कई बड़े ऑपरेशन लगातार जारी हैं।

सेना ने स्थानीय आतंकियों की एक नई सूची तैयार की है और लोकल स्तर पर बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। सेना के सख्त तेवरों के चलते अब घाटी में आतंकवादियों की उलटी गिनती शुरू हो गई है।

जानिए कहां-कहां सक्रिय हैं आतंकी

  • सोपोर: लश्कर-ए-तैयबा का एक स्थानीय आतंकी सक्रिय।
  • अवंतीपोरा: जैश-ए-मोहम्मद का एक आतंकी मौजूद।
  • पुलवामा: लश्कर और जैश के दो-दो स्थानीय आतंकी सक्रिय।
  • शोपियां: एक हिजबुल मुजाहिदीन और चार लश्कर के आतंकी एक्टिव।
  • अनंतनाग: हिजबुल मुजाहिदीन के दो आतंकी सक्रिय।
  • कुलगाम: लश्कर का एक लोकल आतंकी सक्रिय।

सेना ने इन सभी आतंकियों की पहचान, ठिकानों और नेटवर्क की पूरी जानकारी जुटा ली है। सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में इनके खिलाफ सटीक और निर्णायक कार्रवाई की जाएगी।

सेना के इस मिशन से घाटी में आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक मोड़ आने की संभावना जताई जा रही है। सुरक्षा बलों की बढ़ी हुई सक्रियता और ठोस रणनीति से आतंक के सफाये का रास्ता साफ होता नजर आ रहा है।

पहलगाम हमले के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं। श्रीनगर में स्थानीय लोगों ने ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लगाते हुए मार्च निकाला, वहीं बॉलीवुड हस्तियों से लेकर आम नागरिक तक आतंकवाद की कड़ी निंदा कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने भी इस हमले को गंभीरता से लिया है।
पीएम मोदी ने सऊदी अरब का दौरा बीच में छोड़कर दिल्ली लौटते ही उच्चस्तरीय बैठकें कीं और सुरक्षा बलों को सतर्क रहने के निर्देश दिए। विदेश मंत्रालय ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने और अटारी बॉर्डर बंद करने जैसे कड़े कदम उठाए हैं।
यह हमला, जिसमें 26 लोग मारे गए और कई घायल हुए, देश के लिए एक गंभीर चुनौती है। लेकिन देशवासियों की एकजुटता और विपक्ष का समर्थन दर्शाता है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ इस जंग में और मजबूत होकर उभरेगा
Radio_Prabhat
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