जुबिली न्यूज़ डेस्क
एमडीएच मसालों के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी का निधन हो गया। बताया जा रहा है कि सुबह करीब 5 बजकर 38 मिनट पर महाशय धर्मपाल गुलाटी ने अंतिम सांस ली। वो 98 साल के थे। उन्होंने माता चन्नन देवी हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली।
98 वर्षीय महाशय धर्मपाल बीमारी के चलते पिछले कई दिनों से माता चन्नन हॉस्पिटल में एडमिट थे। उनके निधन पर देश के रक्षामंत्री और दिल्ली के मुख्यमंत्री ने गहरा दुख जताया है।
महाशय धर्मपाल के निधन पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि, ‘भारत के प्रतिष्ठित कारोबारियों में से एक महाशय धर्मपालजी के निधन से मुझे दुःख की अनुभूति हुई है। एक छोटे सा व्यवसाय शुरू करने के बावजूद उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई। वे सामाजिक कार्यों में काफी सक्रिय थे और अंतिम समय तक सक्रिय रहे। मैं उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।’
बता दें कि पिछले कुछ दिनों पहले उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी लेकिन कोरोना से ठीक होने के बाद आज सुबह उन्हें हार्ट अटैक आया जिसके बाद उनका निधन हो गया। हाल ही में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
ऐसा शुरू किया सफ़र
पाकिस्तान के सियालकोट में धर्मपाल गुलाटी के पिता ने साल 1922 में एक छोटी सी दुकान से सफर की शुरुआत की थी। उसके बाद देश के बंटवारे के बाद उनका परिवार दिल्ली आ गया। ये भी बताया जाता है कि दिल्ली पहुंचने के बाद धर्मपाल गुलाटी ने एक तांगा खरीदा था, जिससे वह सवारी को लाते ले जाते थे। इसके बाद उनका मन इस काम में नहीं लगा तो उन्होंने अपना तांगा भाई को दे दिया।
इसके बाद साल 1953 में उन्होंने चांदनी चौक में एक दुकान ली, जिसका नाम ‘महाशयां दी हट्टी’ रखा। तब से ये दुकान MDH के नाम से जानी जाने लगी. धीरे धीरे इनके मसाले लोगों को इतने पसंद आने लगे कि इनका निर्यात पूरी दुनिया में होने लगा। साल 2017 में उन्हें इंडिया में किसी भी FMCG कंपनी का सबसे ज्यादा वेतन पाने वाला CEO भी घोषित किया गया था।
व्यापार फैलने के साथ ही उन्होंने कई ऐसे काम भी किए हैं, जो समाज के लिए काफी मददगार साबित हुए। इसमें अस्पताल, स्कूल बनवाना जैसे कई काम शामिल है। वे अभी तक 20 से ज्यादा स्कूल खोल चुके हैं।