जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. एआईएमआईएम ने हैदराबाद के नगर निगम चुनाव में अपने पिछले प्रदर्शन को बरकरार रखते हुए इस बार किंग मेकर की भूमिका भी हासिल कर ली है. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी पिछले चुनाव में 44 सीटों पर विजयी हुई थी, यह परम्परा उसने कायम रखते हुए 44 सीटें फिर से हासिल कर लीं.
असदुद्दीन ओवैसी ने इस चुनाव में महज़ 51 सीटों पर अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे थे जबकि टीआरएस ने सभी 150, बीजेपी ने 149 और कांग्रेस ने 146 सीटों पर अपनी किस्मत आजमाई थी. टीआरएस के पास पिछली बार 99 सीटें थीं, जो इस बार सिमटकर 55 रह गई हैं. बीजेपी ने पूरी ताकत लगाई तो नगर निगम में उसकी ताकत भी 12 गुना बढ़ गई. पिछली बार बीजेपी की सिर्फ चार सीटें थीं लेकिन इस बार उसकी सीटें बढ़कर 48 हो गईं.
ओवैसी ने 51 सीटों पर किस्मत आजमाई तो दस फीसदी यानी पांच सीटों पर हिन्दू प्रत्याशी खड़े किये. इनमें से तीन ने जीत भी दर्ज कर ली. जिन दो प्रत्याशियों की हार हुई उनमें से एक को बीजेपी ने और दूसरे को टीआरएस ने हराया.
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बीजेपी ने हैदराबाद नगर निगम चुनाव में जिस तरह से अपनी पूरी ताकत झोंकी उसने पूरे देश का ध्यान इस चुनाव की तरफ मोड़ दिया. बीजेपी की तरफ से बीजेपी अध्यक्ष जे.पी.नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रचारक के तौर पर भेजा. बीजेपी की तरफ से प्रकाश जावड़ेकर और स्मृति ईरानी भी प्रत्याशियों के प्रचार के लिए गए.