जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। ओपी राजभर इन दिनों अखिलेश यादव से खफा नजर आ रहे हैं। इतना ही नहीं हालात तो ये बन गए है कि ये कभी अखिलेश यादव का साथ छोड़ सकते हैं।
इसके आलावा ओपी राजभर ने राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मु के पक्ष में मतदान करने की बात सामने आ रही थी । राष्ट्रपति चुनाव में BJP को सपोर्ट करने का इनाम भी उनको उस वक़्त मिलता नज़र आ आया जब योगी सरकार ने सुभासपा अध्यक्ष व जहूराबाद विधायक ओमप्रकाश राजभर को शासन ने वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान करने का फैसला लिया।
उधर मायावती की बहुजन समाज पार्टी के बाद अब असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने भी ओम प्रकाश राजभर के किसी तरह का कोई गठजोड़ करने से साफ मना कर दिया है।
वहीं अखिलेश यादव के साथ उनके रिश्ते पूरी तरह से खराब हो गए है। दोनों के बीच राजनीति बयानबाजी लगातार देखने को मिल रही है। ओवैसी की पार्टी का कहना है कि ओम प्रकाश राजभर पर तगड़ा प्रहार करते हुए उनको यूपी नचनिया और जोकर कहना शुरू कर दिया है। ओवैसी की पार्टी की माने तो ओम प्रकाश राजभर किसी के सगे नहीं हैं. यूपी की सियासत में उनकी हैसियत नचनिया व जोकर की तरह हो गई है।
उन्हें अब कोई भी गंभीरता से नहीं लेता। ओवैसी की पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मोहम्मद फरहान का कहना है कि ओम प्रकाश राजभर को सीबीआई और ईडी का डर सता रहा है।
जेल जाने से बचने के लिए ही वह बीजेपी का हमदर्द होने का दिखावा कर रहे हैं।मुसलमानों से बीजेपी को वोट देने की अपील कर रहे है।एमआईएम प्रवक्ता फरहान का कहना है कि ओम प्रकाश राजभर को जो करना हो करें, लेकिन वह मुसलमानों का ठेकेदार बनने की कोशिश कतई न करें। कुल मिलाकर राजभर लगातार योगी सरकार पक्ष में बयान दे रहे हैं अब देखना होगा आने वाले वक्त में वो क्या कदम उठाते हैं।