जुबिली न्यूज़ डेस्क
हम किसी काम को करने से पहले उसके बारे में कुछ सोचते है। काम ठीक है की नही फिर हम उस काम को करते है। पर कभी कभी कुछ ऐसा होता है की हमारा दिमाग़ कुछ जादा ही सोचने लगता है, उस कम के प्रति जो हम पहली बार करने जा रहे हो। जैसे की बीमारी ना होने पर भी उस की चिंता करना।
यह भी पढ़ें : अब मुंबई में होगी नाइटलाइफ, 24 घंटे खुलेंगे होटल और मॉल
ये चिंता व्यक्ति के अंदर लोगों की बाते सुनकर या देख कर होती है और व्यक्ति उस के बारे में सोचने लगता है। लोगों को लगता है कि कहीं मुझे भी तो ये बीमारी नही है ? अगर होगी तो क्या होगा ? इस बीमारी से बचने के लिए क्या उपाय करू ? तमाम तरह की बाते उस के दिमाग़ में चलने लगती है।
यह प्रक्रिया कुछ दिन तक चलती रहती है फिर उस बीमारी के संकेत भी दिखते हैं और परेशानी बढ़ने लगती है। आखिर में व्यक्ति परेशान हो कर डॉक्टर के पास जाता है। जब डॉक्टर को दिखाने पर डॉक्टर बोलता है कि आप को कोई परेशानी नही है, तब जा कर दिमाग़ शान्त होता है।
यह भी पढ़ें : युवाओं के लिए खुशखबरी, UP NHM में निकली बम्पर भर्ती
ये सब समस्या बस कुछ लोगो की गलत जानकारी के करण या उस के बारे मे जादा सोचने से बढती है। ये सभी करण ओवर थिंकिंग को बढ़ाते हैं और एक टाइम पर ये परेशानी का करण बन जाता है।
कैसे जाने कि आपको ज्यादा सोचने की आदत लग चुकी है
जब कभी आप डॉक्टर के पास अपना चेकअप कराने जाते हैं तो क्या आपको ऐसा लगता है कि डॉक्टर ने आपको सही तरीके से देखा नहीं ? क्या आप मन में अपने आप से ही बातें करते रहते हैं ? अगर आप के साथ भी यह सब होता है तो क्या पता आप को भी सोचने की आदत लग चुकी है।
ज्यादा सोचने ओवर थिंकिंग से कैसे बचें
योग ध्यान और व्यायाम को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। सुबह की सैर में जाएं, कोई जिम ज्वाइन करें, ये आपको अपने मन पर नियंत्रण करने में बहुत मदद करेंगे।