- द लैंसेट की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
- देश के नौ राज्य कोरोना वायरस से सबसे अधिक और बुरी तरह प्रभावित
जुबिली न्यूज डेस्क
भारत में कोरोना संक्रमण का आंकड़ा दस लाख पार कर चुका है। अब तक इस महामारी से 25 हजार से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
भारत में कोरोना की कम टेस्टिंग को लेकर भी सवाल उठता रहा है। जानकारों के मुताबिक यदि भारत में कोरोना का टेस्ट बढ़ा दिया जाए तो यहां संक्रमण के मामले बहुत ज्यादा होंगे।
भारत कोरोना से किस कदर प्रभावित है उसका अंदाजा द लैंसेट की रिपोर्ट से लगाया जा सकता है। रिपोर्ट के अनुसार देश के 640 जिलों में (साल 2011 की जनसंख्या के हिसाब से) से 627 जिले कोरोना वायरस संक्रमण से जूझ रहे है।
भारत दुनिया का दूसरा सबसे घनी आबादी वाला देश है, ऐसे में यहां कोरोना वायरस के प्रसार और खतरे से इनकार नहीं किया जा सकता है।
भारत सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोना वायरस के लगभग अस्सी फीसदी मामले ऐसे हैं जिनमें लक्षण नजर नहीं आए। ऐसे में यह ख़तरा और बढ़ जाता है।
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द लैसेंट ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत में कोरोना वायरस की स्थिति को संभालने के लिए जिला-स्तर पर योजनाएं बनाने और उन्हें लागू किये जाने की जरूरत है। इसके साथ ही जो इलाके सबसे अधिक प्रभावित हैं उन पर विशेष तौर से ध्यान दिए जाने और रणनीति बनाकर काम करने की आवश्यकता है। सार्वजनिक तौर पर मौजूद आंकड़ों के आधार पर देश के सबसे बुरी तरह प्रभावित इलाकों की पहचान की गई है।
द लैसेंट ने यह रिपोर्ट संक्रमण के मामले, आबादी और स्वास्थ्य सुविधाओं की मौजूदा हालात को आधार बनाकर तैयार की है।
कोरोना से नौ राज्य बुरी तरह प्रभावित
देश के नौ राज्य कोरोना वायरस से सबसे अधिक और बुरी तरह प्रभावित हैं, जिनमें मध्य प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, झारखंड, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और गुजरात शामिल हैं।
ये सभी राज्य किसी एक खास भाग में नहीं बल्कि पूरे देश के अलग-अलग हिस्सों में हैं। भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में अब तक सबसे कम मामले सामने आए हैं।
लैसेंट की यह रिपोर्ट 15 सूचकों के आधार पर तैयार की गई है। जिन्हें पांच डोमेन्स के आधार पर बांटा गया है। इसमें सामाजिक-आर्थिक, जनसांख्यिकीय, आवास-स्वच्छता, महामारी विज्ञान और स्वास्थ्य प्रणाली जैसे डोमेन के आधार पर 15 सूचकांक चिंहित किये गए और उसके आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है।
लैसेंट की ओर से इस वल्नरेबिलिटी इंडेक्स में इन नौ राज्यों को सबसे अधिक संवेदनशील बताया गया है। इन वल्नरेबिलिटी इंडेक्स में ये नौ राज्य एक से लेकर 0.77 तक (मानक) है।
एमपी में जहां ओवरऑल वल्नरेबिलिटी 1 है, वहीं बिहार में 0.971। तेलंगाना तीसरे स्थान पर है और झारखंड चौथे। उत्तर प्रदेश पांचवे स्थान पर है।
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कहां है कोरोना का कम खतरा
भारत का अरुणाचल प्रदेश राज्य और वहां का कुरुंग कुमे जिला सबसे कम खतरे वाला स्थान है। इसके बाद हरियाणा का पंचकुला जिला है, जहां संक्रमण का खतरा कम है।
वहीं अगर उन जिलों की बात करें जहां कोरोना वायरस का खतरा सबसे अधिक है तो वो हैं मध्य प्रदेश का सतना जिला और बिहार का खगरिया जिला।