जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। राष्ट्रीय उपभोक्ता प्रतितोष आयोग के आदेश का अनुपालन न होने व कई रिमाइंडर के बाद भी जिलाधिकारी द्वारा गंभीरता से न लिए जाने पर जिला उपभोक्ता फोरम ने सख्त कदम उठाया है। फोरम के न्यायिक अधिकारी राजर्षि शुक्ल ने जिलाधिकारी समन जारी किया है।
उन्हें 13 जून को खुद उपस्थित होने का आदेश दिया है। लखनऊ के आईआईएम रोड निवासी अंजनी गुप्ता ने फ्यूचर जनरल इंडिया इंश्योरेंश कम्पनी से अपनी कार का बीमा कराया था। बीमा की धनराशि भी समय से जमा कर दिया था।
फरवरी 2011 में उनकी कार दुघटनाग्रस्त हो गई। अंजनी के क्षतिपूर्ति के दावे पर कम्पनी ने 21086 रुपए का भुगतान कर दिया था। लेकिन 20 नवम्बर 2011 को एक बार फिर उनकी कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस बार कार को बड़ा नुकसान हुआ। बेटा भी गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
कार की मरम्मत के लिए वर्कशाप ने चार लाख 37 हजार 557 रुपए का इस्टीमेट दिया। उन्होंने कम्पनी से भुगतान के लिए दावा किया लेकिन कम्पनी ने उनके दावे को यह कहकर खारिज कर दिया कि एक बार भुगतान किया जा चुका है। लिहाजा दोबारा कोई भुगतान नहीं किया जाएगा। कम्पनी की इस धोखाधड़ी पर उन्होंने उपभोक्ता फोरम में मुकदमा दायर कर दिया।
राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के आदेश का अनुपालन न होने पर जिला उपभोक्ता फोरम दिया आदेश
मामले की सुनवाई करते हुए फोरम ने 17 मार्च 2016 को आदेश दिया कि दावा की गई समस्त धनराशि सात प्रतिशत ब्याज के साथ कम्पनी एक माह में भुगतान भुगतान करे। फोरम के आदेश के खिलाफ कम्पनी ने राज्य उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया।
आयोग ने मामले को निरस्त कर दिया। इसके खिलाफ अंजनी ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग का दरवाजा खटखटाया। आयोग ने मामले की सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि कम्पनी एक लाख 20 हजार 338 रुपए का 75 प्रतिशत भाग आठ प्रतिशत ब्याज के साथ चार सप्ताह में भुगतान करे।
राष्ट्रीय आयोग के आदेश का अनुपालन न होने पर अंजनी ने आठ फरवरी 2018 को जिला उपभोक्ता फोरम से आदेश का अनुपालन कराने की अपील की। फोरम ने पहले कम्पनी को नोटिस जारी किया।
बाद में जिलाधिकारी को अनुपालन का आदेश दिया। कई रिमाइंडर के बाद भी जिलाधिकारी ने कोई कार्रवाई नहीं की। इससे नाराज फोरम ने समन जारी कर दिया है।