जुबिली न्यूज डेस्क
इसराइल की ओर से जारी हमलों के बीच गज़ा में रहने वालों का कहना है कि उन्होंने ‘इतने बुरे हालात पहले नहीं देखे.’ वेस्ट बैंक में मौजूद ऑक्सफैम के सहायता कर्मियों ने एक मीडिया संस्थान को गज़ा के हालात की जानकारी दी. बुशा ख़ालिदी ने बताया कि उनका परिवार बरसों से गज़ा में ‘तनाव’ की स्थितियों के बीच रह रहा है.
उन्होंने बताया, “बरसों से हम इसराइल की सेना की ओर से की जाने वाली नाकेबंदी झेल रहे हैं. वो हमें बाहर नहीं जाने देते हैं. पढ़ाई के लिए भी बाहर जाने की इजाज़त नहीं मिलती है.”
एक साथ सोना चाहिए अगर हम मरते हैं तो साथ में मरेंगे”
बुशा ने बताया, “यहां पानी नहीं है. बिजली नहीं है. ईंधन नहीं है. आपूर्ति ख़त्म होती जा रही है.”उन्होंने बताया कि गज़ा में मोबाइल इंटरनेट सर्विस डाउन है. उन्हें अपने रिश्तेदारों से संपर्क करने में भी दिक्कत हो रही है. बुशा ने कहा कि नाकेबंदी का सामना कर रहे क्षेत्र की ‘स्थिति बहुत बुरी है.’ बुशा ने कहा, “मेरा परिवार कहता है कि हमें एक साथ सोना चाहिए जिससे अगर हम मरते हैं तो साथ में मरेंगे”
उन्होंने कहा कि इसराइल का ‘पूरी आबादी को दंडित करने का फ़ैसला बहुत क्रूर है और हमें आम नागरिकों पर हो रहे इसके असर के बारे में सोचना चाहिए.’
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मिस्र क्रॉसिंग अब बंद हो चुकी
बता दे कि इसराइल डिफेंस फ़ोर्सेज़ (आईडीएफ़) ने कहा है कि मिस्र क्रॉसिंग अब बंद हो चुकी है. गज़ा से बाहर जाने की कोशिश में लगे फ़लस्तीनियों को आईडीएफ़ ने पहले इसी रास्ते बाहर निकलने की सलाह दी थी. अब ये सलाह बदल दी गई है. आईडीएफ़ ने पहले कहा था कि जो लोग गज़ा से बाहर जाना चाहते हैं, वो मिस्र के नियंत्रण वाली क्रॉसिंग के जरिए निकल सकते हैं. आईडीएफ़ ने अब अपनी इस सलाह को बदल दिया है. उन्होंने कहा है कि ये क्रॉसिंग बंद हो चुकी है.