जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। अगले साल यानी 2024 में लोकसभा चुनाव होना है। ऐसे में मोदी को कौन देगा टक्कर इसको लेकर बहस भले ही देखने को मिल रही हो लेकिन कांग्रेस और अन्य दल बार-बार विपक्षी एकता को मजबूत करने की बात कह रहे हैं। इसी के तहत बुधवार को द्रमुक ने एक बड़ी रैली का आयोजन किया।
दरअसल ये रैली डीएमके के अध्यक्ष और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन बुधवार (1 मार्च) को 70 वर्ष के होने पर आयोजित की गई थी। इस रैली में विपक्षी एकता को मजबूती मिलती तब दिखी जब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला और अखिलेश यादव पहुंचे।
इसके आलावा बिहार के उपमुख्यमंत्री व राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव भी शामिल हुए। इस अवसर पर मल्लिकार्जुन खरगे ने बड़ा बयान दिया है7 उन्होंने कहा कि सभी समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों को विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ एक साथ आना चाहिए।
मैंने कभी नहीं कहा कि कौन नेतृत्व करेगा या कौन पीएम बनेगा। यह सवाल नहीं है। हम एकजुट होकर लडऩा चाहते हैं, यही हमारी इच्छा है। डीएमके की रैली में पहुंचे जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि भारत विविधता में एकता का देश है. अगर हम विविधता की रक्षा करेंगे तो हम एकता की रक्षा करेंगे और इसलिए मुझे लगता है कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत को एकजुट करने की कोशिश अच्छी शुरूआत है।
गौरतलब हो कि कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी लगातार अपना दावा मजबूत कर रहे हैं। भारत जोड़ो यात्रा के सहारे कांग्रेस एक बार फिर लोगों का समर्थन पाने की पूरी कोशिश की है। इतना ही नहीं राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में लोगों का खूब समर्थन मिला है। कांग्रेस भी कह चुकी है कि अगर मोदी को रोकना है तो पूरे विपक्ष को एक होना तभी 2024 में जीत मिलेगी।