जुबिली न्यूज डेस्क
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय का उद्योगपति मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी को विजिटिंग प्रोफेसर नियुक्ति किए जाने का छात्रों ने विरोध किया है।
कुलपति आवास का घेराव कर छात्र मंगलवार को धरने पर बैठ गए। छात्रों का आरोप है कि इससे विश्वविद्यालय द्वारा “गलत उदाहरण” सैट किया जा रहा है।
छात्रों का आरोप है कि बीएचयू के लोग सरकार के इशारे पर पूंजीपतियों के हाथ में इस विश्वविद्यालय को सौंपने की षड्यंत्र कर रहे हैं।
बीएचयू के कुलपति राकेश भटनागर के आवास के बाहर मंगलवार को 40 से अधिक छात्रों के एक समूह ने विरोध प्रदर्शन किया और एक ज्ञापन सौंपा।
हाल ही में बीएचयू के सामाजिक विज्ञान फैकल्टी ने रिलायंस फाउंडेशन को एक प्रस्ताव भेजा था, जिसमें नीता अंबानी को उनके महिला अध्ययन केंद्र में विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में शामिल होने के लिए कहा गया था।
सामाजिक विज्ञान फैकल्टी के महिला अध्ययन केंद्र को तकरीबन दो दशक पहले स्थापित किया गया था और यहां पर विजटिंग प्रोफेसर के तीन पद हैं, जिसमें एक के लिए नीता अंबानी को प्रस्ताव भेजा गया है।
ये भी पढ़े: कोरोना काल में बंद हुए 71 लाख पीएफ खाते
ये भी पढ़े: जब आपके पास राहुल गांधी हैं तो अजमल की क्या जरूरत?
ये भी पढ़े: कोरोना वैक्सीन लेने के दो दिन बाद पॉजिटिव हुए मंत्री
अधिकारियों के मुताबिक बाकी दो विजिटिंग फैकल्टी पदों के लिए जिन अन्य नामों पर विचार किया गया है, वे अरबपति उद्योगपति गौतम अडानी की पत्नी प्रीति अदानी और स्टील टाइकून लक्ष्मी मित्तल की पत्नी उषा मित्तल हैं।
सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन कौशल किशोर मिश्रा ने कहा “हम स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण से संबंधित शैक्षणिक और शोध कार्य करते हैं। परोपकारी उद्योगपतियों को शामिल करने की बीएचयू की परंपरा को ध्यान में रखते हुए हमने रिलायंस फाउंडेशन को एक पत्र भेजा जिसमें नीता अंबानी को महिला अध्ययन केंद्र में एक विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में शामिल होने के लिए कहा गया ताकि हम उनके अनुभव से लाभ उठा सकें।”
ये भी पढ़े: अमेरिका के स्पा केंद्रों में हुई गोलीबारी, 8 की मौत
ये भी पढ़े: कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं पर क्या बोले राहुल गांधी