जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव की तैयारी तेज हो गई है। भले ही 2024 में लोकसभा का चुनाव होना हो लेकिन सभी विपक्षी दल अभी इस पर रणनीति बनानी शुरू कर दी है।
इस साल कई राज्यों में विधान सभा चुनाव होने जा रहा है। ऐसे में ये एक सेमीफाइनल की तरह लिया जा रहा है। कांग्रेस लगातार जमीन स्तर पर काम कर रही है ताकि वो पुराना वोट बैंक फिर से हासिल कर सके।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब पहले से काफी सक्रिय है। दरअसल वो विपक्षी एकता को मजबूत करने के लिए आगे आये हैं। मोदी को रोकना है तो पूरे विपक्ष को एक मंच आना होगा। इसके लिए नीतीश कुमार ने सोमवार को कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की।
इस दौरान लालू के लाल तेजस्वी यादव भी उनके साथ थे। तीनों नेताओं की तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। ममता बनर्जी ने नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद कहा, कि नीतीश कुमार जी के साथ बेहद सकारात्मक बातचीत हुई। दरअसल, इस समय सभी विपक्षी दलों को एकसाथ बैठक रणनीति तैयार करने की जरूरत है। हमें यह संदेश देना है कि हम सभी एक साथ हैं. भारत के विकास के लिए कुछ भी नहीं किया गया, शासन करने वालों को केवल प्रचार करने में दिलचस्पी है।
बता दे कि जब से नीतीश कुमार बीजेपी से अलग हुए तब से मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। आलम तो ये हैं कि नीतीश कुमार केंद्र सरकार को घेरने में कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं।
इससे पहले नीतीश कुमार ने कहा था कि केंद्र द्वारा इस प्रकार हमारे विकास को बाधित किया जा रहा है। नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र अपनी योजनाओं के आने प्रधानमंत्री का नाम लगाता है।
इससे पूरा श्रेय केंद्र को जाता है। अपनी योजनाओं के लिए फंड की कमी होती है। केंद्र को सभी पिछड़े राज्यों को इसमें छूट देनी चाहिए। बता दें कि नीतीश कुमार इस वक्त बिहार में आरजेडी के साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं।
बता हार में जब से सत्ता परिवर्तन हुआ तब से नीतीश कुमार लालू के साथ मिलकर बीजेपी को रोकने में लगे हुए है। जेडीयू ने हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस और उत्तर उपचुनाव में सपा को समर्थन देकर अपने इरादे भी जता दिए है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर कहा जा रहा है कि आने वाले वक्त में वो पीएम का चेहरा भी बन सकते हैं। इसको लेकर भी एक रोड मैप तैयार किया जा रहा है लेकिन ये आसान नहीं होगा क्योंकि राहुल गांधी इस वक्त कड़ी मेहनत कर रहे हैं।