जुबिली न्यूज डेस्क
संसद के शीतकालीन सत्र में इंडिया अलायंस ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया है. राज्यसभा के सभापति के कामकाज से नाराज होकर विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं. इस प्रस्ताव में सभापति पर सदन में पक्षपातपूर्ण कामकाज का आरोप लगाया गया है.
बता दे कि विपक्ष ने अनुच्छेद 67(बी) के तहत अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है. अविश्वास प्रस्ताव के संबंध में करीब 70 सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं. कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी और अन्य कई छोटे दल इस प्रस्ताव को लेकर एकजुट हैं.
अब इंडिया ब्लॉक के कई नेता सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ असंतोष जता चुके हैं. इसके अलावा विपक्ष उन पर क्षपातपूर्ण रवैया दिखाने का आरोप लगा रहा है. इसी बीच राज्यसभा की कार्यवाही11 दिसंबर तक स्थगित हो गई है.
ये भी पढ़ें-वीएचपी के कार्यक्रम में शामिल हुए हाई कोर्ट के जज, जाँच के लिए CJI को लिखी गई चिट्ठी
इससे पहले विपक्ष ने दावा किया था कि अविश्वास प्रस्ताव पर करीब 70 सांसदों के हस्ताक्षर हो चुके हैं. इसमें आईएनडीआईए की तमाम पार्टियां थी. जानकारी के अनुसार, कांग्रेस से दूर-दूर चल रही तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने भी अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने का निर्णय किया है. इन दोनों पार्टियों के राज्यसभा सदस्यों ने भी प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर दिए हैं.
जानें क्या है आरोप
वहीं, कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा था, “विपक्ष लगातर सदन चलाने की मांग कर रहा है, लेकिन सभापति धनखड़ सत्ता पक्ष को सदन में गतिरोध पैदा करने का मौका दे रहे थे. आसन का ये पक्षपाती रवैया लोकतंत्र के खिलाफ है. वहीं, राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी कहा था कि ऐसा कर लोकतंत्र की हत्या नहीं की जानी चाहिए.