जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। यूपी के हाथरस में 19 वर्षीय दलित लड़की से कथित सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में चार आरोपियों के खिलाफ सीबीआई द्वारा शुक्रवार को आरोप पत्र दाखिल करने के बाद उत्तर प्रदेश का सियासी तापमान फिर से बढ़ गया है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत अन्य विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर हमला तेज कर दिया है।
‘हाथरस कांड’ में उप्र की भाजपा सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी जनता, विपक्ष व सच्चे मीडिया के दबाव से सीबीआई जांच बैठानी ही पड़ी. अब पीड़िता के अंतिम बयान के आधार पर चारों अभियुक्तों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाखिल हुई है.
भाजपा सरकार से बिना लड़े कुछ भी नहीं मिलता न इंसाफ़, न हक़.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 18, 2020
आरोप पत्र दाखिल किए जाने के कुछ ही घंटे बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ‘हाथरस कांड में उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी जनता, विपक्ष और सच्चे मीडिया के दबाव से सीबीआई जांच बिठानी पड़ी। अब पीडि़ता के अंतिम बयान के आधार पर चारों आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया। भाजपा सरकार से लड़े बिना कुछ भी नहीं मिलता, न इंसाफ और न ही हक।’
‘हाथरस की बेटी’ के प्रति हुए अन्याय को लेकर अपनी नैतिकता की मौत के साथ अनैतिक भूमिका निभाने के लिए शोक प्रकट करने की ख़ातिर भाजपा के नेता एवं समर्थकों को कम-से-कम दो मिनट का मौन तो रखना चाहिए व स्वयं से क्षमा भी माँगनी चाहिए।
आज हर बेटी-बहन वाले परिवार को थोड़ी शांति मिली है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 18, 2020
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वहीं कांग्रेस की महासचिव प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर गंभीर सवाल उठने की बात कही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सीबीआई की चार्जशीट पीड़ित परिवार को अपार दुःख में कुछ राहत देगी।
प्रियंका ने कहा कि यह विकास प्रदेश में आदित्यनाथ सरकार, यूपी एडीजी लॉ एंड आर्डर, हाथरस के जिला मजिस्ट्रेट और राज्य प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों पर गंभीर सवाल उठाता है। राज्य ने पीड़ित की गरिमा को अस्वीकार करने और जीवन मृत्यु में कोई कसर नहीं छोड़ी। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि किस तरह आधी रात में परिवार की सहमति के बिना पीड़िता का अंतिम संस्कार किया गया।
एक तरफ सरकार सरंक्षित अन्याय था।
दूसरी तरफ परिवार की न्याय की आस थी।पीड़िता का शव जबरदस्ती जला दिया गया। पीड़िता को बदनाम करने की कोशिशें हुईं। परिवार को धमकाया गया।
लेकिन अंततः सत्य की जीत हुई।
सत्यमेव जयते#HathrasCase pic.twitter.com/X4qD0BVjjs
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 18, 2020
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उत्तर प्रदेश कांग्रेस विधान मंडल दल की नेता आराधना मिश्रा उर्फ मोना ने कहा कि हाथरस कांड में सीबीआई के आरोप पत्र ने उत्तर प्रदेश सरकार के कथन को झूठा साबित कर दिया है और सच छिपाने की सरकार की साजिश को नाकाम कर दिया है।
आराधना ने कहा, ‘अब यह साबित हो गया है कि हाथरस की बिटिया के साथ बर्बरतापूर्वक बलात्कार किया गया, उसे यातनायें दी गयी और उसे मारा गया। हर स्तर पर हर मुमकिन कोशिश की गयी कि हत्यारे बच जाएं, परन्तु न्याय के लिये राहुल गांधी और कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी के संघर्ष ने सच सामने ला दिया।’
उन्होंने कहा कि इस मामले में संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया जाना चाहिए। मिश्रा ने आरोप लगाया, ‘उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुये उस जिलाधिकारी को रोके रखा जिसने सच्चाई को दफन करने में अहम भूमिका निभाई थी।’
भाकपा (माले) की प्रदेश इकाई के सचिव सुधाकर यादव ने एक बयान जारी कर राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘हाथरस कांड में ऊंची जाति के जिन आरोपियों को बचाने के लिए राज्य सरकार ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था, उन सभी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किए गए हैं। इससे सरकार को झटका लगा है।’
हाथरस में सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मामले में आरोप पत्र दाखिल किया। आरोप पत्र में चारों आरोपियों संदीप, लवकुश, रवि और रामू पर गांव की एक दलित लड़की से दुष्कर्म और उसकी हत्या करने का आरोप है।
उपचार के दौरान लड़की की 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी। उस समय कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत विभिन्न दलों के नेताओं ने इस मामले को लेकर व्यापक प्रदर्शन किए थे। राज्य सरकार ने बाद में मामले की सीबीआई जांच की संस्तुति कर दी थी।
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