न्यूज डेस्क
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के महासचिव सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा कि भाजपा का विरोध करने का मतलब देश के हिंदुओं का विरोध करना नहीं है।
आरएसएस महासचिव सुरेश भैयाजी जोशी के इस बयान के मायने निकाले जा रहे हैं। दरअसल उनका यह बयान संगठन और पार्टी के बीच अनबन को दिखाता है।
सुरेश भैयाजी ने पणजी के यहां डोना पाउला में रविववार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ‘बीजेपी का मतलब हिंदू समुदाय से नहीं है, और बीजेपी का विरोध करना हिंदुओं का विरोध नहीं है। राजनीतिक लड़ाई जारी रहेगी लेकिन इसे हिंदुओं से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।’
जोशी की यह टिप्पणी इसलिए महत्वपूर्ण है कि एक वर्ग बीजेपी को हिंदुओं का प्रतिनिधित्व करने के रूप में चित्रित करता है और पार्टी के विरोध को हिंदू विरोधी या यहां तक कि राष्ट्र विरोधी के रूप में पेश किया जाता है।
Suresh Bhaiyyaji Joshi, Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) general secretary in Goa: Hindu community does not mean Bharatiya Janata Party, and opposing BJP does not amount to opposing Hindus. Political fight will continue but it should not be linked to Hindus. pic.twitter.com/XBal0PM9zF
— ANI (@ANI) February 9, 2020
इससे पहले, पांच फरवरी को गोवा आरएसएस प्रमुख लक्ष्मण बेहरे ने कहा था कि हिंदू धर्म दुनिया के शाश्वत मूल्यों को बचाने के लिए बहुत जरूरी है।
बेहरे ने कहा था, ‘आरएसएस भारत को दुनिया में नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रयास कर रहा है। हिंदू धर्म की संगठनात्मक संरचना दुनिया के शाश्वत मूल्यों को बचाने के लिए आवश्यक है। संघ पिछले 94 से समाज में उन मूल्यों को स्थापित करने की कोशिश कर रहा है।’
उन्होंने कहा था कि भैयाजी जोशी 8 और 9 फरवरी को गोवा जाएंगे।
उन्होंने कहा था, ‘जोशी ने सभी 40 विधायकों, गोवा आर्कबिशप और अन्य लोगों को आरएसएस और लोगों के बीच इसके काम के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए आमंत्रित किया है।’
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