Tuesday - 29 October 2024 - 5:39 AM

कोरोना के चलते अधर में लटके द्रोणाचार्य

स्पेशल डेस्क

लखनऊ। कोरोना वायरस के चलते लखनऊ के खेल मैदान वीरान पड़ गए है। जिस अप्रैल में स्टेडियम में बहार हुआ करती थी, वहां पर सन्नाटा पसरा हुआ है। दरअसल कोरोना वायरस के चलते यूपी के खेल मैदानों को बंद कर दिया गया है। इसका असर खिलाडिय़ों के साथ-साथ सूबे अशं कालिक द्रोणाचार्य पर पड़ रहा है।

आलम तो यह है कि अंश कालिक प्रशिक्षकों का गुजारा करना भी मुश्किल हो रहा है। कई ऐसे कोच है जिनकी रोजी-रोटी इसे चलती थी लेकिन लॉकडाउन के चलते नवीनीकरण न होने से भूखे मरने की नौबत आ गई है। 21 दिनों की तालाबंदी की वजह से कई कोचों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।

केडी सिंह बाबू स्टेडियम में टेनिस का प्रशिक्षण देने वाले विजय पाठक काफी मायूस नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके पास इतना पैसा नहीं है कि वो अपना परिवार चला सके। इतना ही नहीं लॉकडाउन के चलते प्रशिक्षकों का नवीनी करण नहीं हुआ है। ऐसे में इस महीने की सैलरी नहीं आएगी। इस वजह से न तो वो अपने घर का लोन चुका सकते हैं और न ही अपने परिवार के जरूरत को पूरा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसी तरीके से गुजारा हो रहा है।

दूसरी ओर हैंडबॉल के कोच तौहीद के अनुसार लॉकडाउन की वजह से खिलाडिय़ों को अच्छा खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है लेकिन कोरोना वायरस के आगे हर कोई बेबस है। जहां तक प्रशिक्षकों का नवीनीकरण होने की बात यह हमारे हाथ में नहीं है।

वहीं वॉलीबॉल कोच साधना कहती है आप कही भी नौकरी करे लेकिन जो वेतन मिलता है। उससे कई चीजों को पूरा किया जा सकता है। ऐसे में कोरोना वायरस के चलते खेल की गतिविधयां बंद हो गई है। इतना ही नहीं प्रशिक्षकों का नवीनीकरण नहीं हो सका है। ऐसे में परेशानी सबको उठानी पड़ रही है। सरकार को अंश कालिक प्रशिक्षकों के बारे में सोचना चाहिए।

लॉकडाउन ने बिगाड़ा इनका खेल

अप्रैल माह में पूरे प्रदेश में प्रशिक्षकों का नवीनीकरण हुआ करता था लेकिन कोरोना वायरस के चलते इसे टाल दिया गया है। इतना ही नहीं इस वजह से समर वेकेशन में लगने वाले अभ्यास शिविर भी अच्छा-खासा बाधित हो गया है।

पूरे प्रदेश में 450 कोचों की होती तैनाती

उत्तर प्रदेश में विभिन्न खेलों में 450 से अधिक कोच की तैनाती की जाती है। अंश कालिक प्रशिक्षकों के पास खिलाडिय़ों की लम्बी भीड़ होती है। इसी के चलते कोचों का नवीनीकरण किया जाता है। अंशकालिक प्रशिक्षण शिविरों में हर साल तकरीबन 50 हजार खिलाड़ी एडमीशन लेते हैं।

यहां लगते हैं अंश कालिक प्रशिक्षण शिविर

राजधानी लखनऊ में चार जगह पर अंश कालिक प्रशिक्षण शिविर लगता है। चौक स्टेडियम, केडी सिंह बाबू स्टेडियम, विनयखंड स्थित मिनी स्टेडियम और विजयंत खंड स्टेडियम में विभिन्न खेलों के प्रशिक्षण शिविर संचालित होते हैं. इन जगहों पर हॉकी, क्रिकेट, वॉलीबाल, फुटबाल, बॉक्सिंग, एथलेटिक्स, कराटे, वुशू, जूडो, टेनिस, सॉफ्ट टेनिस, साइकिलिंग, नौकायन के प्रशिक्षण के लिए कोचों की तैनाती की जाती है।

कोरोना के चलते नहीं हुआ नवीनीकरण

इसके लिए अप्रैल माह में अंश कालिक प्रशिक्षकों का नवीनीकरण किया जाता है लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते अभी तक नहीं हो सका है। खेल विभाग से मिली जानकारी के अनुसार हर साल गर्मी शुरू होते हुए खिलाडिय़ों की भरमार स्टेडियम में लग जाती है।

हर साल बढ़ते हैं खिलाड़ी

हर साल की तरह से इस बार भी खिलाड़ी भारी संख्या में दाखिला लेते हैं। खिलाड़ी बच्चों की फिटनेस के लिए माता-पिता खेल मैदान पहुंचकर दाखिला कराते हैं लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते किसी अंश कालिक प्रशिक्षकों का अब तक नवीनीकरण नहीं हो सका है।

इस बार लॉक डाउन के चलते ना तो खिलाड़ी स्टेडियम आ रहे हैं और ना ही अब तक पिछले साल रखे गए गए अंश कालिक प्रशिक्षकों का अब तक नवीनीकरण हो सका है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार प्रशिक्षकों की तैनाती अब लॉक डाउन के बाद होगी। इसके लिए शासन से आदेश आने के बाद शुरुआत होगी।

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