प्रो. अशोक कुमार
2024 के नीट यूजी एग्जाम के कथित पेपर लीक को लेकर देशभर में बवाल मचा हुआ है. इसी बीच सरकार अगले साल से नीट एग्जाम को ऑनलाइन करवाने पर विचार कर रही है. हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कई मौकों पर नीट यूजी एग्जाम को ऑनलाइन मोड में करवाने पर असहमति जताई है. 2018-19 मे स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऑनलाइन टेस्ट की अनुमति नहीं दी थी। मंत्रालय ने कहा था कि ऑनलाइन मोड में एग्जाम होने से दूरदराज और वंचित क्षेत्रों के बच्चों का नुकसान हो सकता है।
अभी आईआईटी और इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम (जेईई) मेन्स और अडवांस्ड एग्जाम ऑनलाइन मोड में करवाए जाते हैं ।
ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले कई छात्र हैं, जो जेईई मेन में हिस्सा लेते हैं और जेईई एडवांस्ड के लिए क्वालीफाई करते हैं। ये दोनों ही टेस्ट कंप्यूटर बेस्ड हैं। ऑनलाइन परीक्षा करवाने के लिए उपयुक्त प्लेटफ़ॉर्म का चयन करते समय, इन सभी सुविधाओं पर विचार करना महत्वपूर्ण है।
ऑनलाइन परीक्षा करवाने के लिए आवश्यक सुविधाएँ
- 1. प्रश्न निर्माण और प्रबंधन: विभिन्न प्रकार के प्रश्नों (बहुविकल्पीय, लघु-उत्तर, निबंध, आदि) को बनाने और प्रबंधित करने की क्षमता। प्रश्नों को विभिन्न विषयों और कठिनाई स्तरों के आधार पर वर्गीकृत करने की सुविधा। प्रश्नों के लिए मीडिया (चित्र, ऑडियो, वीडियो) को शामिल करने की क्षमता।
- 2. परीक्षा निर्माण और प्रबंधन : विभिन्न प्रकार की परीक्षाओं (अभ्यास परीक्षा, मॉक टेस्ट, मुख्य परीक्षा) बनाने और प्रबंधित करने की क्षमता। परीक्षा के लिए समय सीमा, प्रश्नों का क्रम, और अंकन योजना निर्धारित करने की सुविधा। विभिन्न समूहों या व्यक्तियों के लिए अलग-अलग परीक्षाएँ बनाने की क्षमता।
- 3. परीक्षा वितरण: छात्रों को परीक्षा लिंक या पासवर्ड प्रदान करने की सुविधा। परीक्षा को विभिन्न उपकरणों (कंप्यूटर, लैपटॉप, टैबलेट, स्मार्टफोन) पर चलाने की अनुमति देना। परीक्षा शुरू करने से पहले छात्रों की पहचान सत्यापित करने के लिए उपाय करना।
- 4. धोखाधड़ी रोकथाम: छात्रों को परीक्षा के दौरान निगरानी करने के लिए प्रॉक्टरिंग का उपयोग करना। कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उपयोग करके धोखाधड़ी गतिविधियों का पता लगाना। परीक्षा के दौरान छात्रों द्वारा किए गए स्क्रीन और कीबोर्ड गतिविधियों को रिकॉर्ड करना।
- 5. मूल्यांकन और रिपोर्टिंग: परीक्षा के बाद स्वचालित रूप से अंकों का मूल्यांकन करने की क्षमता। छात्रों को उनके प्रदर्शन पर विस्तृत रिपोर्ट प्रदान करना। समग्र परीक्षा परिणामों का विश्लेषण करने के लिए डेटा और टूल प्रदान करना।
- 6. सुरक्षा और गोपनीयता: छात्र डेटा और परीक्षा सामग्री की सुरक्षा के लिए मजबूत सुरक्षा उपाय। डेटा गोपनीयता नियमों का अनुपालन। अनधिकृत पहुंच से डेटा और सिस्टम की सुरक्षा के लिए उपाय !
- 7. उपयोग में आसानी: शिक्षकों और छात्रों के लिए उपयोग में आसान इंटरफ़ेस। परीक्षा बनाने, आयोजित करने और मूल्यांकन करने के लिए सरल प्रक्रिया। व्यापक सहायता सामग्री और दस्तावेज़ीकरण।
- 8. एकीकरण: अन्य शिक्षा प्रणालियों और प्लेटफार्मों के साथ एकीकरण। सीखने की प्रबंधन प्रणाली (LMS) और पाठ्यक्रम सामग्री के साथ एकीकरण। ग्रेडिंग और रिपोर्टिंग टूल के साथ एकीकरण।
इन सुविधाओं के अलावा, ऑनलाइन परीक्षा प्लेटफ़ॉर्म में निम्नलिखित सुविधाएँ भी हो सकती हैं: अनुकूलन योग्य थीम और ब्रांडिंग, समयबद्ध परीक्षा , प्रश्नोत्तर मंच , नोट्स और एनोटेशन, कैलकुलेटर और अन्य उपकरण ऑनलाइन परीक्षा मोड:आपकी आवश्यकताओं के लिए सर्वश्रेष्ठ ऑनलाइन परीक्षा प्लेटफ़ॉर्म चुनते समय इन सभी सुविधाओं पर विचार करना महत्वपूर्ण है।
ऑनलाइन परीक्षा में भी प्रश्न पत्र लीक होने की संभावनाएं हो सकती हैं। कुछ संभावित खतरे इस प्रकार हैं
- 1. हैकिंग: हैकर्स परीक्षा प्रणाली में घुसपैठ कर सकते हैं और प्रश्न पत्र चोरी कर सकते हैं। वे छात्रों के डेटा तक पहुंच प्राप्त कर सकते हैं और उनके उत्तर बदल सकते हैं।
- 2. डेटा उल्लंघन: परीक्षा डेटा गलती से या दुर्भावनापूर्ण रूप से उजागर हो सकता है। इसमें प्रश्न पत्र, उत्तर कुंजी और छात्रों के उत्तर शामिल हो सकते हैं।
- 3. अंदरूनी सूत्रों द्वारा लीक: परीक्षा से जुड़े लोग, जैसे कि परीक्षा निर्माता या प्रॉक्टर, प्रश्न पत्र लीक कर सकते हैं। छात्रों को प्रश्न पत्र बेचने या उन्हें अनुचित लाभ प्रदान करने के लिए उन्हें रिश्वत दी जा सकती है।
- 3. छात्र द्वारा धोखाधड़ी: छात्र परीक्षा के दौरान स्क्रीनशॉट ले सकते हैं या प्रश्न पत्र की तस्वीरें खींच सकते हैं और उन्हें दूसरों के साथ साझा कर सकते हैं। वे परीक्षा के दौरान अनुसंधान के लिए इंटरनेट का उपयोग कर सकते हैं या बाहरी सहायता प्राप्त कर सकते हैं। धोखेबाज छात्रों को परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र प्राप्त करने के लिए राजी कर सकते हैं। वे उन्हें ईमेल, सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से संपर्क कर सकते हैं।
- 5. तीसरे पक्ष के विक्रेता: परीक्षा प्रणाली को विकसित करने या संचालित करने वाले तीसरे पक्ष के विक्रेता डेटा लीक कर सकते हैं। वे उचित सुरक्षा उपायों को लागू करने में विफल हो सकते हैं या जानबूझकर डेटा चोरी कर सकते हैं।
ऑनलाइन परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक होने की संभावना को कम करने के लिए कई कदम उठाए जा सकते हैं, जिनमें शामिल हैं, मजबूत सुरक्षा उपायों का उपयोग करना, जैसे कि,
- एन्क्रिप्शन और फायरवॉल।
- डेटा एक्सेस को प्रतिबंधित करना और केवल अधिकृत कर्मियों को ही प्रश्न पत्र तक पहुंच प्रदान करना।
- नियमित रूप से सुरक्षा ऑडिट और भेद्यता परीक्षण करना। छात्रों और कर्मचारियों को सामाजिक इंजीनियरिंग और फ़िशिंग हमलों के बारे में जागरूक करना।
- तीसरे पक्ष के विक्रेताओं के साथ सावधानीपूर्वक अनुबंध करना और उनकी सुरक्षा प्रथाओं की समीक्षा करना।
नियंत्रित परीक्षा वातावरण: परीक्षा के दौरान छात्रों की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए प्रॉक्टरिंग का उपयोग करना।
प्रश्न पत्र का यादृच्छिकरण: प्रत्येक छात्र को एक अलग प्रश्न पत्र का सेट देना।
परीक्षा के बाद प्रश्न पत्र का विनाश: परीक्षा समाप्त होने के बाद प्रश्न पत्र को हटा देना।
धोखाधड़ी का पता लगाना: कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उपयोग करके धोखाधड़ी गतिविधियों का पता लगाना।
कड़ी सजा: प्रश्न पत्र लीक करने वालों के लिए सख्त दंड लागू करना।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ऑनलाइन परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक होने का जोखिम हमेशा रहेगा। यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ऑनलाइन परीक्षाएं पारंपरिक परीक्षाओं की तुलना में अधिक सुरक्षित हो सकती हैं यदि उचित सुरक्षा उपाय किए जाएं।
(लेखक पूर्व कुलपति कानपुर, गोरखपुर विश्वविद्यालय , विभागाध्यक्ष राजस्थान विश्वविद्यालय हैं )