जुबिली न्यूज़ डेस्क
प्याज की बढ़ी हुई कीमत को लेकर देशभर में हाहाकार मचा हुआ है। सोशल मीडिया पर लोग तरह-तरह के वीडियो पोस्ट करके केंद्र सरकार पर तंज कस रहे हैं। कोई प्याज को सूंघकर काम चला रहा है तो कोई उसे लाकर में रख रहा है।
प्याज की बढ़ी हुई कीमत के विषय में मोदी सरकार में उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान द्वारा लोकसभा में जानकारी दी गई है। केंद्रीय मंत्री ने सांसद राहुल रमेश शेवाले और भर्तृहरि महताब के सवालों का लिखित जवाब देते हुए आवश्यक वस्तुओं की जो कीमत सूची सौंपी है उससे जाहिर होता है कि चावल, गेहूं, आटा, दाल, तेल, चाय, चीनी और गुड़ समेत सब्जियों और दूध के दाम में जनवरी के मुकाबले साल के आखिरी महीने दिसंबर में वृद्धि हुई है।
उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा निगरानी की जाने वाली 22 आवश्यक वस्तुओं में से ज्यादातर वस्तुओं के दाम में लगातार वृद्धि का सिलसिला जारी रहा है। खासतौर से आलू, टमाटर और प्याज के दाम में ज्यादा वृद्धि हुई है।
प्याज का औसत खुदरा भाव इस साल मार्च में जहां 15.87 रुपये प्रति किलो था वहां तीन दिसंबर 2019 को 81.9 रुपये प्रति किलो हो गया। इस प्रकार मार्च के बाद प्याज के दाम में 416 फीसदी का इजाफा हुआ है। चावल और गेहूं के दाम में तकरबीन 10 फीसदी की वृद्धि हुई तो दालों के दाम में 30 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है।
बता दें कि उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री से इस साल आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में हुई वृद्धि की जानकारी मांगी गई थी। केंद्रीय मंत्री से कीमतों पर नियंत्रण के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की भी जानकारी भी मांगी गई थी।
मंत्री ने बताया कि मांग-आपूर्ति में असमानता, प्रतिकूल मौसमी दशाओं और सीजन की अन्य वजहों और परिवहन लागतों में वृद्धि, भंडारण की कमी के साथ-साथ जमाखोरों और कालाबाजारियों द्वारा कृत्रिम कमी पैदा करने के कारण आपूर्ति श्रृंखला पर दबाव आने से वस्तुओं के खुदरा मूल्य प्रभावित होते हैं। उन्होंने आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए सरकार की ओर उठाए जाने वाले कदमों का भी जिक्र किया।
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