स्पेशल डेस्क
लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी कांग्रेस को दोबारा जिंदा करने में लगी हुई है। कांग्रेस में इस समय इस्तीफा के दौर चल रहा है। हार के बाद खुद कांग्रेस के अंदर उठा-पटक साफ देखी जा सकती है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस्तीफा देने की बात कही है। इसके बाद कांग्रेस के कई बड़े नेता राहुल गांधी के पक्ष में नजर आ रहे हैं। इस्तीफे को लेकर बहस भी देखने को मिल रही है।
इतना ही नहीं 120 से ज्यादा कांग्रेसियों ने राहुल के पक्ष में उतरकर कहा है कि राहुल ने इस्तीफा दिया तो वह भी इस्तीफा देंगे। ऐसे में प्रियंका गांधी के लिए चुनौती अब और बढ़ गई है। प्रियंका चाहती है राहुल अभी भी कांग्रेस की कमान को संभाले और पार्टी के लिए काम करे लेकिन राहुल मानने को तैयार नहीं है। दूसरी सबसे बड़ी चुनौती है भितरघातियों से कांग्रेस को मुक्त कैसे कराया जाये। इसको लेकर उन्होंने मंथन भी शुरू हो गया है।
आलम तो यह है पार्टी में बदलाव और युवाओं को मौका देने की बात कही जा रही है। हार को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियका गांधी वाड्रा भी सख्त नजर आ रही है। प्रियका कांग्रेस में भितरघात को लेकर अब कड़े फैसले लेने की बात कह रही है। कांग्रेस के करीबी से मिली जानकारी के अनुसार अनुशासन जांच समिति ने अपना काम तेजी से शुरू कर दिया है और इसके लिए पहली बैठक कांग्रेस मुख्यालय में हुई है।
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बैठक में यह तय हुआ है कि पांच जुलायई तक शिकायतें मांगी गई है। इसके लिए ई-मेल आईडी बनायी गई है ताकि इसपर भेजा जा सके।अनुशासन समिति के सदस्य पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण सिंह, विनोद चौधरी व राम जियावन ने इस पूरे मामले पर गंभीरता से विचार किया है और पार्टी का कोई भी प्रत्याशी, कार्यकर्ता, पदाधिकारी या फिर कोई भी शुभचिंतक इस ई-मेल आईडी पर ऐसे लोगों को चिन्हित कर उसके प्रमाण के साथ इसपर भेजा सकता है।
कहा गया है ऐसे लोगों को खोजा जाये जिसने कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने का काम किया है। इतना ही नहीं कहा गया है उन नामों को सामने लाया जाये जिसने चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में लगे रहे और कांग्रेस को बड़ा नुकसान पहुंचाया है।
अनुशासन समिति के सदस्य 5 जुलाई तक लगातार कांग्रेस मुख्यालय में बने रहेंगे। प्रियंका गांधी इसपर साफ कर चुकी है कि ऐसे लोगों को तुरंत एक्शन लिया जाये जिसने पार्टी का नुकसान पहुंचाया है।
कांग्रेस चाहती है कि उपचुनाव में अच्छा प्रदर्शन करना। इसके लिए भितरघातियों से कांग्र्रेस को मुक्त कराया जाये। राहुल गांधी ने प्रियंका गांधी को कांग्रेस महासचिव बनाकर बहुत बड़ा मास्टरस्ट्रोक चला था लेकिन चुनाव में उनका ये दाव उलट साबित हुआ है और कांग्रेस कोई खास कमाल नहीं कर सकी।