जुबिली न्यूज डेस्क
बाबा रामदेव आईएमए के निशाने पर हैं। डॉक्टरों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बाबा रामदेव अक्सर एलोपैथी चिकित्सा पद्धति पर सवाल उठाते है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवद्र्धन ने भी बाबा रामदेव को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने रामदेव द्वारा एलोपैथी मेडिसिन पर की गई टिप्पणी को ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया है।
इस सबके बीच हरियाणा सरकार ने कोरोना मरीजों के बीच एक लाख कोरोनिल किट बांटने का फैसला किया है। कोरोनिल किट बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि बनाती है।
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हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने सोमवार को बताया कि प्रदेश के कोविड मरीजों में पतंजलि आयुर्वेद की कोरोनिल किट बांटने का फैसला किया गया है।
सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोनिल बांटने के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि इस किट की आधी कीमत पतंजलि वहन करेगी और आधी कीमत हरियाणा सरकार के ‘कोविड रिलीफ फंड’ से चुकाई जाएगी।
हरियाणा में कोविड मरीजों के बीच एक लाख पतंजलि की कोरोनिल किट मुफ्त बांटी जाएंगी । कोरोनिल का आधा खर्च पतंजलि ने और आधा हरियाणा सरकार के कोविड राहत कोष ने वहन किया है।
— ANIL VIJ MINISTER HARYANA (@anilvijminister) May 24, 2021
यह फैसला उस समय लिया है जब योग गुरु बाबा रामदेव एलोपैथी पर टिप्पणी करने को लेकर विवादों में घिरे हुए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन द्वारा रामदेव को पत्र लिखे जाने के बादउन्होंने अपना बयान वापस ले लिया था।
रामदेव ने पिछले साल जून में उस समय आयुर्वेद आधारित कोरोनिल किट लॉन्च की थी जब महामारी की पहली लहर अपने चरम पर थी।
रामदेव ने इसे कोरोना का दवा बताया और आनन-फानन में लांच किया था। इस पर भी खूब विवाद हुआ था। बाद में यह कहा गया कि यह कोरोना की नई बल्कि इम्यून बूस्टर है।
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