न्यूज डेस्क
मध्य प्रदेश में सियासी उथल-पुथल के बीच अब एक अहम सवाल-कौन बनेगा मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री? कमलनाथ के इस्तीफे के बाद यह सवाल बेहद अहम हो गया है। हालांकि अधिकांश लोगों के दिमाग में मध्य प्रदेश के सीएम उम्मीदवार को लेकर शिवराज सिंह चौहान का ही नाम है। फिलहाल ऐसी चर्चा है कि एक बार फिर मध्य प्रदेश की कमान शिवराज सिंह चौहान संभालेंगे।
सूत्रों के अनुसार मध्य प्रदेश में सोमवार शाम शिवराज सिंह चौहान को विधायक दल का नाम चुन लिया जाएगा। विधायक दल की इस बैठक की निगरानी ऑब्जर्वर दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए करेंगे। यह भी चर्चा है कि इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री चौहान शाम को सादगी से चौथीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
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दरअसल पूर्व मुख्यमंत्रीचौहान कोरोना वायरस से देश में मचे हाहाकार की वजह से सादगी से शपथ ग्रहण करेंगे। राजभवन के भीतर शपथ की तैयारी शुरू हो गई है। शिवराज सिंह के साथ मिनी कैबिनेट भी शपथ ले सकती है। माना जा रहा है कि इस शपथ ग्रहण में कम ही लोग हिस्सा लेंगे।
यदि शिवराज आज शपथ लेते हैं तो वह चौथीं बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनेंगे। पहली बार वह 29 नवंबर 2005 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे तो दूसरी बार 12 दिसंबर 2008 में। तीसरी बार 8 दिसंबर 2013 को मध्य प्रदेश के सीएम पद की शपथ ली थी।
कमलनाथ के इस्तीफे के बाद से मुख्यमंत्री के नाम पर चर्चा तेज हो गई थी। हालांकि शुरु से शिवराज सिंह चौहान का नाम आगे चल रहा था लेकिन मध्य प्रदेश बीजेपी के कुछ नेता केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रदेश में मंत्री रहे नरोत्तम मिश्रा का भी नाम ले रहे थे।
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अल्पमत में आ गई थी कमलनाथ सरकार
होली के दिन 10 मार्च को कांग्रेस के पूर्व नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफा सार्वजनिक करने के बाद मध्य प्रदेश की सियासत में तूफान आ गया था। उनके इस्तीफे के बाद कांग्रेस के 22 बागी विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया। ये सभी अब बीजेपी का दामन थाम चुके हैं। इस्तीफा देने वालों में 6 मंत्री भी रहे थे। वधायकों का इस्तीफा स्पीकर द्वारा स्वीकार करने के बाद कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी। इसलिए फ्लोर टेस्ट से पहले ही कमलनाथ ने इस्तीफा दे दिया था।
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