जुबिली न्यूज डेस्क
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर दिए गए बयान पर हलचल मची हुई है। जहां कुछ लोग उनके बयान की प्रशंसा कर रहे हैं तो वहीं कुछ आलोचना।
इसी कड़ी में AIMIM के अध्यक्ष व सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी संघ प्रमुख भागवत पर निशाना साधा है।
ओवैसी ने कहा, “विश्व हिंदू परिषद के गठन से पहले तो संघ के एजेंडे में अयोध्या था ही नहीं। ज्ञानवापी मस्जिद पर मोहन भागवत के बयान को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। बाबरी मस्जिद के लिए आंदोलन को याद करें जो ऐतिहासिक कारणों से आवश्यक था। उस समय संघ ने उच्चतम न्यायालय के आदेशों का सम्मान नहीं किया और इसमें भाग लिया। फैसले से पहले ही मस्जिद को तोड़ दिया। तो इसका यह मतलब है कि क्या वे ज्ञानवापी मस्जिद के साथ भी कुछ ऐसा ही करेंगे?”
1. Bhagwat’s incendiary speech on #Gyanvapi mustn’t be ignored. He said an agitation for #Babri was necessary “for historical reasons”. In other words, RSS didn’t respect SC & participated in demolition of masjid. Does this mean that they’ll do something similar on Gyanvapi also? pic.twitter.com/9lk4lAUI7A
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) June 3, 2022
सांसद ओवैसी ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और संघ प्रमुख भागवत की ओर से देश में शांति और सद्भाव सुनिश्चित करने के आश्वासन पर भी सवाल उठाया।
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उन्होंने कहा, ” इन मुद्दों को लेकर देश को आश्वासन देने के लिए मोहन भगावत या नड्डा कौन हैं? उनके पास कोई संवैधानिक पद नहीं है। पीएमओ को इस मुद्दे पर और पूजा स्थल अधिनियम, 1991 के बारे में साफ संदेश देना चाहिए। उन्होंने संविधान की शपथ ली है। अगर वह इसके साथ खड़े होते हैं, तो इस हिंदुत्व को रोकना होगा।”
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