जुबिली स्पेशल डेस्क
सी कार्बन संस्था द्वारा महामना मालवीय मिशन के सहयोग से महामना मालवीय विद्या मंदिर इंटर कॉलेज गोमती नगर लखनऊ में विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन विषय पर जागरूकता एवं संचेतना गोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के प्रमुख वक्ता लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ ध्रुवसेन सिंह थे जिन्होंने कहा कि ब्रह्मांड में पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह है जहां जीवन पाया गया है।
ऐसे अमूल्य धरोहर को बचाना हमारा दायित्व है,आगे कहा कि प्राचीन काल से भारत में किसी न किसी रूप में पर्यावरण को संरक्षित करने की संस्कृति रही है यहां पेड़ पौधों वनस्पतियों और नदियों की पूजा की जाती रही है।
परंतु यह विडंबना है कि जिन नदियों ने प्राचीन काल से मानव के लिए जीवनरेखा के रूप में कार्य किया है वहीं नदियां आज अपने अस्तित्व के लिए मनुष्य की ओर निहार रही हैं।
आगे यह कहा कि पर्यावरण के 3 घटक हैं- जल मंडल, वायु मंडल और स्थलमंडल जो मानव तथा अन्य जीवो को निशुल्क सेवा प्रदान कर रहे हैं और यदि इनमें से एक भी घटक प्रभावित होता है तो जीवन दूभर हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रकृति में कुछ घटनाएं प्राकृतिक रूप से होती हैं परंतु मानवीय गतिविधियां उनका आयाम बढ़ा देती हैं परंतु प्रदूषण संबंधित समस्याएं जैसे वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण शत-प्रतिशत मानव निर्मित है।
इस वर्ष का पृथ्वी दिवस का थीम इन्वेस्ट इन आवर प्लेनेट है, जिसका अर्थ है पृथ्वी को संरक्षित करने के लिए पृथ्वी में निवेश करना। पेड़ लगाना,नदियों को संरक्षित करना,कुंए-तालाबों- पोखरों को पुनर्जीवित करना पृथ्वी में निवेश के उदाहरण हैं और यह कार्य करना समय की मांग है।
कार्यक्रम के विशिष्ट वक्ता डॉ उत्कर्ष सिन्हा वरिष्ठ पत्रकार तथा मुख्य कार्यकारी संपादक सैटेलाइट चैनल- के न्यूज़ ने कहा कि पर्यावरण पर भारी खतरा आ जाने के बाद भी हम बहुत अचेत हैं ,आगे कहा कि हम प्रकृति का दोहन करनते जा रहे हैं और यह नहीं सोच रहे हैं कि आगे उसका भविष्य क्या होगा ?
उसके लिए हमें उन कार्यों पर नियंत्रण रखना होगा जिससे प्रकृति को क्षति पहुंच रही है।आगे कहा कि ओजोन की परत को मानव की गतिविधियों ने ध्वस्त किया है अतः ऐसी गतिविधियों पर नियंत्रण रखना होगा।
महामना मालवीय मिशन के अध्यक्ष प्रभु नारायण ने कहा कि बच्चों की आदत में स्थाई परिवर्तन लाकर ही पर्यावरण और पृथ्वी को बचाया जा सकता हैउन्होंने कहा कि पर्यावरण को संरक्षित करने के कार्य को कोई एक संस्था या सरकार या व्यक्ति नहीं कर सकता है और इसके लिए हर आदमी को प्रयास करना होगा तभी वह मौलिक रूप में आए पाएगी और इसका लाभ वर्तमान पीढ़ी तथा आने वाली पीढ़ियों को मिल सकेगा।
सी -कार्बंस के अध्यक्ष वीपी श्रीवास्तव ने कहा कि पर्यावरण हेतु चिंता 50 वर्ष पहले शुरू हुई जब प्राकृतिक संपदा का अंधाधुंध और निर्दयता पूर्वक दोहन शुरू होने लगा ।
झील तालाब जंगल समाप्त होने लगे, ग्रीन गैसों का उत्सर्जन तेजी से बढ़ता गया जिससे पर्यावरण खतरे के स्तर तक पहुंच गया, अगर आज हम सचेत नहीं हुए तो जीवन दूभर हो जाएगा । इस अवसर पर स्कूल के छात्रों के मध्य अलग-अलग तीन ग्रुप बनाकर पेंटिंग प्रतियोगिता तथा निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें 9 विजेताओं को पुरस्कृत किया गया ।
इस अवसर पर सी -कार्बंस के अध्यक्ष वीपी श्रीवास्तव ,उपाध्यक्ष ओम दत्त, कोषाध्यक्ष तूलिका श्रीवास्तव, महामना मालवीय मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री प्रभु नारायण ,राष्ट्रीय सचिव श्री आर एन वर्मा लखनऊ शाखा के जनरल सेक्रेटरी देवेंद्र शुक्ला और स्कूल समिति के अध्यक्ष डॉ देवेंद्र अस्थाना के साथ-साथ दोनों संस्थाओं के अन्य पदाधिकारी या सदस्य उपस्थित थे।