प्रमुख संवाददाता
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अब यशभारती की तर्ज़ पर कलाकारों, समाजसेवियों, संस्कृति प्रेमियों और बुद्धिजीवियों को सम्मानित करने के लिए पुरस्कार योजना शुरू करने का फैसला किया है. इसे राज्य संस्कृति पुरस्कार के नाम से जाना जाएगा.
अखिलेश यादव की सरकार ग्यारह लाख रुपये का यशभारती सम्मान देती थी. राज्य संस्कृति पुरस्कार हिन्दी संस्थान के सम्मानों की तरह विभिन्न राशियों के होंगे. इनमें सबसे बड़ा सम्मान पांच लाख रुपये का होगा. यह सम्मान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर दिया जाएगा. राज्य संस्कृति सम्मान से हर साल 25 लोगों को सम्मानित किया जायेगा. संस्कृति विभाग ने इस सम्बन्ध में प्रस्ताव सरकार के पास भेज दिया है.
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यश भारती सम्मान मुलायम सिंह यादव के कार्यकाल में शुरू हुआ था. तब सम्मान के साथ एक लाख रुपये की राशि दी जाती थी. अखिलेश यादव के कार्यकाल में यह सम्मान फिर शुरू हुआ और सम्मान की राशि ग्यारह लाख रुपये कर दी गई. अखिलेश यादव ने यशभारती पाने वालों को पचास हज़ार रुपये महीना पेंशन देना भी तय किया था. योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बाद में इस पेंशन को घटाकर पच्चीस हज़ार रुपये कर दिया था.