न्यूज डेस्क
तो क्या मलेशिया और भारत के संबंधों में खटास आ गया है। क्या मलेशिया और भारत के संबंध पहले जैसे नहीं रहे हैं। वर्तमान के हालात से तो ऐसा ही लग रहा है। पिछले कुछ समय ये मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद भारत के खिलाफ सख्त रूख अपनाये हुए हैं। इसका असर दोनों देशों के संबंधों पर पड़ रहा है।
मलेशिया के पीएम मोहम्मद के सख्त रूख के बाद भारत ने मलेशिया से पाम ऑयल के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। बावजूद इसके महातिर मोहम्मद के रूख में भारत के प्रति नरमी नहीं आई है।
पाम ऑयल के आयात पर प्रतिबंध लगाने के बाद मलेशियाई प्रधानमंत्री ने कहा है कि ‘वह गलत चीजों को लेकर ऐसे ही बोलते रहेंगे, फिर चाहे उनके देश को आर्थिक तौर पर नुकसान ही क्यों न उठाना पड़े।’
प्रधानमंत्री मोहम्मद ने अपने बयान में कहा है कि ” भारत को हम काफी मात्रा में पाम ऑयल का निर्यात करते हैं, इसलिए यह चिंता की बात है, लेकिन इसके साथ ही हमें गलत पर खुलकर बोलना चाहिए और हमें यह कहना चाहिए। यदि हम गलत चीजों और सोच को पैसों की वजह से इसी तरह होने देंगे, तो इससे हमारे द्वारा और हमारे लोगों द्वारा बहुत सी गलत चीजें होंगी।”
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गौरतलब है कि खाद्य तेलों का सबसे बड़ा आयातक भारत है। रिफाइंड पाम ऑयल का इंडोनेशिया के बाद दूसरा बड़ा उत्पादक और निर्यातक देश मलेशिया है। भारत मलेशियाई पाम ऑयल का सबसे बड़ा आयातक रहा है, लेकिन अब भारत द्वारा आयात पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद मलेशिया को इससे झटका लगना स्वभाविक है।
दरअसल मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद नागरिकता संसोधन कानून के मुद्दे पर भारत सरकार की आलोचना कर चुके हैं। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर भी महातिर मोहम्मद ने पाकिस्तान का समर्थन किया था और भारत पर जम्मू कश्मीर पर ‘अवैध रूप से कब्जा करने’ का आरोप लगाया था।
मलेशिया के प्रधानमंत्री के इस रुख के बाद ही दोनों देशों के संबंधों में खटास आ गई थी। महातिर मोहम्मद ने कहा है कि उनकी सरकार इस समस्या का हल ढूंढ लेगी।
मालूम हो कि वर्ष 2019 में भारत ने मलेशिया से 4.4 मिलियन टन पाम ऑयल आयात किया था, लेकिन 2020 में यदि दोनों देशों के बीच संबंध नहीं सुधरे तो यह आयात घटकर 1 मिलियन टन से भी कम रह सकता है। भारत ने अपने ट्रेडर्स को मलेशिया से पाम ऑयल खरीदने से मना किया है और इंडोनेशिया से तेल मंगाने के निर्देश दिए हैं।
हालांकि इंडोनेशिया का तेल मलेशियाई तेल के मुकाबले 10 डॉलर प्रति टन ज्यादा महंगा है। वहीं मलेशिया भारत की तरफ से आयात घटने के बाद फिलीपींस, पाकिस्तान, वियतनाम, इथोपिया, सऊदी अरब, इजिप्ट, अल्जीरिया और जॉर्डन को पाम ऑयल का निर्यात करने की कोशिश कर रहा है।
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