न्यूज डेस्क
वित्त मंत्री सीता रमण ने शुक्रवार को सरकारी बैंकों को 70 हजार करोड़ रुपए देने का ऐलान किया। इस पर कांग्रेस की सवाल उठाते हुए कहा कि – सरकार के बजट में राजकोषीय घाटा पहले ही बहुत ज्यादा है। ऐसी स्थिति में राजकोषीय स्थिति क्या होगी? क्या मिडिल क्लास के करदाता इस सब का भुगतान करेंगे? क्या सरकार पिछले पुनर्पूंजीकरण के रिजल्ट शेयर करेगी?
आर्थिक मंदी की आहट के बीच शुक्रवार को वित्त मंत्री सीतारमण ने प्रेस कांफ्रेंस कर कई बड़ा ऐलान किया। उन्होंने निवेशकों को राहत देने से लेकर बैंकों में पंूजी की कमी दूर करने तक के लिए घोषणाएं की। उनके इन घोषणाओं पर विपक्षी दलों, कारोबारियों के साथ-साथ आम लोगों की प्रतिक्रिया सामने आई है।
Rs 70000cr bank recapitalization plan raises questions:
Fiscal deficit is much higher than what the govt's budget indicated (CAG), what will this do to the fiscal situation?
Will the middle class taxpayers pay for all this?
Will the govt share results of past recapitalizations?— Congress (@INCIndia) August 23, 2019
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए आने वाले दिनों में और उपायों की घोषणा की जाएगी। इनमें से एक मकान खरीदारों और रियल एस्टेट कंपनियों से जुड़ी होगी। इस बहुप्रतीक्षित प्रेस कांफ्रेंस में सीतारमण ने बैंकों में नकदी बढ़ाने, सूक्ष्म, लघु एवं मझोली कंपनियों के लिए वस्तु एवं सेवा कर रिफंड को आसान बनाने, संकट से जूझ रहे वाहन क्षेत्र को राहत देने और सभी पात्र स्टार्टअप कंपनियों तथा उनके निवेशकों को ऐंजल टैक्स से छूट देने की भी घोषणा की।
अर्थव्यवस्था डाउन होने के लिए वित्त मंत्री ने वैश्विक परिस्थिति को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने अपनी सुविधा के मुताबिक नोटबंदी और जीएसटी के विनाशकारी नतीजों को अनदेखा कर दिया। वह शायद यह भी भूल गई हैं कि 2008 की वैश्विक मंदी के वक्त मनमोहन सिंह की नीतियों की वजह से हमारी अर्थव्यवस्था स्थिर रही थी।
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी इस मामले पर ट्वीट कर सवाल उठाया।
वित्त मंत्री जी,
अर्थव्यवस्था की जो भयानक दुर्दशा भाजपा ने की है, उस पर सरकारी पॉवर पाईंट की 32 स्लॉईडों से पर्दा नहीं डल सकता।
देश मंदी से झूझ रहा है।
मोदी सरकार पहले बजट में आधा अधूरा रोलबैक कर रही है।GDP औंधे मुँह लुढ़क रहा है।
NPA दिन-रात ऊफान पर है।
पर ठोस हल कहाँ है? pic.twitter.com/pQWPUO3PGS— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) August 24, 2019
वहीं सीतारमण की प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कहा, “मैंने पहले भी कहा था, नीतियों पर पुनर्विचार करने की इच्छाशक्ति ताकत दर्शाती है, ना कि कमजोरी। मैं उम्मीद करता हूं कि निर्मला सीतारमण की प्रेस कॉन्फ्रेंस से सरकार और बिजनेस के बीच संवाद कायम करने वाले और एक-दूसरे पर निर्भर रिश्ते की शुरुआत होगी। ”
I’ve said before, a willingness to relook at policies is a display of strength, not https://t.co/8y4tPp8Iva’s press conference by @nsitharaman will, I hope, mark the start of a new, interactive & interdependent relationship between Govt&business. @narendramodi @AmitShah (1/4)
— anand mahindra (@anandmahindra) August 23, 2019
मालूम हो वित्त मंत्री ने कहा, ”कारोबारियों के लिए GST रिफंड आसान होगा। सभी GST रिफंड 30 दिन में कर दिए जाएंगे। आगे के सभी त्रस्ञ्ज रिफंड केस 60 दिन में निपटाए जाएंगे।”