Tuesday - 29 October 2024 - 5:34 PM

हरमिलन के पदक जीतने पर मां माधुरी बोलीं-अभी तो शुरुआत है…

सैय्यद मोहम्मद अब्बास

लखनऊ। एशियाई खेलों में भारतीय खिलाडिय़ों का दमदार प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। हॉकी से लेकर क्रिकेट में भारतीय खिलाडिय़ों की धमक देखने को मिल रही है।

पदक तालिका पर गौर करें तो भारत ने हांगझोऊ 2023 में अब तक 13 स्वर्ण, 22 रजत और 23 कांस्य समेत कुल 58 पदक जीते हैं। उधर एथलेटिक्स में भारतीय खिलाडिय़ों का दबदबा देखने को मिल रहा है।

भारत की राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारी 1500 मीटर की धाविका हरमिलन बैंस ने देश के लिए रजत पदक जीता है। उनके पदक जीतने पर खुशी की लहर है।

मां और बेटी दोनों का एशियाई खेलों में पदक जीतना दुर्लभ है लेकिन भारत की राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारी 1500 मीटर की धाविका हरमिलन बैंस ने यह कर दिखाया है

भारत की राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक 1500 मीटर की धाविका हरमिलन बैंस ने यह कर दिखाया है और अब वह इससे बेहतर प्रदर्शन करना चाहती है।

पंजाब के होशियारपुर जिले के माहिलपुर कस्बे की रहने वालीं भारतीय एथलीट हरमिलन बैंस को सोशल मीडिया पर उनको एथलीट से ज्यादा क्वीन के तौर पर पहचाते हैं। सोशल मीडिया की उनकी तस्वीरे अक्सर वायरल होती रहती है। उन्होंने एशियन गेम्स में धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए 1500 मीटर में रजत पदक जीतकर अपने परिवार की विरासत को फिर से जिंदा कर दिया है।

25 वर्ष की हरमिलन ने महिलाओं की 1500 मीटर रेस में रजत पदक जीता। उनकी मां माधुरी ने 2002 में दक्षिण कोरिया के बुसान में हुए खेलों में 800 मीटर में रजत जीता था।

वहीं हरमिलन के पिता अमनदीप बैंस भी दक्षिण एशियाई खेलों में 1500 मीटर में पदक जीत चुके हैं। बेटी के पदक जीतने पर हरमिलन के परिवार में खुशी की लहर है।

बेटी मां के नक्शेकदम पर चल रही और नयी बुलंदियों को छूना चाहती है। हरमिलन ओलम्पिक में पदक जीतकर अपने मां-बाप का सपना पूरा करना चाहती है। हरमिलन के पदक जीतने के बाद जुबिली पोस्ट ने उनकी मां अर्जुन अवॉर्डी माधुरी से खास बात की और जानना चाहा कि हरमिलन का अगला लक्ष्य क्या है।

हरमिलन बैंस। – फोटो : Instagram: the_.queeen_

सवाल : कैसा महसूस कर रही है बेटी के पदक जीतने पर ?

जवाब : देखिए उम्मीद थी कि हरमिलन पदक जीतेगी। बेटी की इस उपलब्धि पर परिवार में खुशी का माहौल है। अपनी बेटी की इस उपलब्धि पर फूले नहीं समा रहे।

परिवार के साथ-साथ पूरे देश को हरमिलन की इस उपलब्धि पर गर्व है। पीएम मोदी से लेकर हर कोई उनकी बेटी की इस उपलब्धि की सराहना कर रहा है।

पीएम मोदी ने खुद ट्वीट कर बधाई दी है। ये हमारे लिए गर्व की बात है। यह न केवल हमारे लिए बल्कि पूरे देश के लिए खुशी का क्षण है।

सवाल : कैसे शौक हुआ एथलेटिक्स में

जवाब : देखिये पहले वो लॉन टेनिस में अपना करियर बनना चाहती थी लेकिन हमारे यहां पर लॉन टेनिस की सुविधा नहीं थी।

इसके बाद उसने मेरे साथ अभ्यास करना शुरू कर दिया था। बहुत जल्द इसका अच्छा परिणाम मिलने लगा और फिर  हरमिलन ने सीबीएसई स्कूल गेम्स में दौड़ना शुरू किया था।

2018 में 12वीं कक्षा में हरमिलन ने 800 और 1500 मीटर में राष्ट्रीय सीबीएसई गेम्स में रिकॉर्ड कायम किए। ये दो रिकॉर्ड अभी भी उनके नाम हैं। इसके बाद उसने पीछे मुडक़र नहीं देखा।

2021 में 4: 05.39 मिनट के साथ उन्होंने सुनीता रानी के 4:06.03 मिनट के राष्ट्रीय रिकॉर्ड को तोड़ा था। हरमिलन चंडीगढ़ में आरबीआई में क्लास वन अधिकारी के रूप में तैनात हैं।

सवाल : एशियन गेम्स अभी 800 मीटर में क्या संभावना है?

जवाब : मेरी बात हुई हरमिलन से। पदक जीतने के बाद वो खुश थी लेकिन उसको उम्मीद थी वो स्वर्ण पदक जीतेगी लेकिन ऐसा नहीं हो सका। हालांकि मैंने उससे बात की है और 1500 मीटर में रजत पदक जीतने के बाद 800 मीटर सोना जीतने का पूरा भरोसा जताया है।

सवाल : एशियन गेम्स के बाद अगला लक्ष्य क्या है?

जवाब : एशियन गेम्स के बाद ओलम्पिक में पदक जीतना ही अगला लक्ष्य है। इसके लिए बेटी को बाहर भेजकर ट्रैंनिंग करायेंगे ताकि देश को ओलम्पिक में पदक दिलाया है।

ओलम्पिक खेलना हर खिलाड़ी का सपना होता है। ऐसे में मैंने भ अपनी बेटी के लिए सपना देखा और उम्मीद है उनकी लाड़ली इस सपने को पूरा करेगी।

दो साल पहले राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में उसने 1500 मीटर में नया रिकॉर्ड बनाया । घुटने के आपरेशन के कारण वह 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में भाग नहीं ले सकी थी ।

अर्जुन अवार्डी माधुरी सिंह पर एक नज़र

यूपी में जन्मी माधुरी सिंह का नाम पहले माधुरी सक्सेना था। माहिलपुर के नेशनल अवार्डी अध्यापक ज्ञानी हरकेवल सिंह और हेडटीचर बीबी गुरमीत कौर के नेशनल एथलीट बेटे अमनदीप सिंह बैंस से शादी के बाद माधुरी सिंह बन गई। 6वीं क्लास में खो-खो खेलते एथलीट बनने का लक्ष्य रखा।माधुरी सिंह ने बताया कि उसकी सर्वोत्तम उपलब्धियों को देखते हुए साल 2004 में उसे खेलों के सर्वोच्च सम्मान अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह अवार्ड उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की ओर से दिया गया था।

इसके बाद उनके सम्मान में खालसा कॉलेज माहिलपुर में खेल मैदान का नाम “अर्जुनावार्डी माधुरी सिंह रख दिया गया।

अब सीनियर स्पोर्ट्स ऑफिसर पर तैनात माधुरी सिंह प्रिंसिपल हरभजन सिंह स्टेडियम में इलाके की लड़कियों को खेलों की ट्रेनिंग दे रही हैं।

वह चाहती हैं कि माहिलपुर फुटबाल नर्सरी के साथ-साथ एथलेटिक्स के रूप में भी दुनिया में जाना जाए। उन्होंने कहा कि माहिलपुर में बढ़िया ट्रैक की जरूरत है, ताकि इलाके के लड़के-लड़कियां प्रतिभा को निखार सकें।

5000 मीटर में बनाया था राष्ट्रीय रिकार्ड: 1995में चेन्नई इंटर स्टेट मीट में 5000 मी. में पहला, 1995 में सैफ गेम्स में 5000 मी. विनर रह राष्ट्रीय रिकार्ड बनाया।

पढ़ाई के साथ-साथ एथलीट बनने के लिए भी दिन-रात मेहनत करने लगी। 9वीं क्लास में नेशनल गेम्स में पहला स्थान रहने के साथ ही ही विश्व में देश का नाम रोशन करने का सफर शुरू हो गया।

11वीं के बाद पोस्ट एंड टेलीग्राफ विभाग में क्लर्क की नौकरी मिल गई, पर लक्ष्य बड़ी एथलीट बनना था। इसलिए नौकरी छोड़ दी और दिन-रात ट्रैक पर अभ्यास करती। 1992-93 में इंटर स्टेट ओपन नेशनल कप में “बैस्ट ऑफ थ्री” रही। इसके बाद वर्ल्ड क्रास कंट्री हो या एशियन क्रास कंट्री, कई मेडल जीते।

माधुरी ने भी किया देश का नाम रौशन

  • 1996 में साउथ अफ्रीका में वर्ल्ड रोड रिले हांगकांग में गोल्ड
  • 2000 में हांगकांग में हुई 1600 मीटर में गोल्ड
  • एशियन एथलेटिक्स ग्रांड पिक्स हैदराबाद 2002 में 800 मी. में थर्ड रही
  • एशियन एथलेटिक्स ग्रांड पिक्स बैंकाक 2002 में 800 मी. में सेकंड स्थान प्राप्त किया
  • एशियन एथलेटिक्स ग्रांड पिक्स मनीला 2002 के 800 मी. में दूसरा स्थान प्राप्त किया
  • एशियन गेम्स बुसान 2002 की 1500 मी. में चौथा स्थान प्राप्त किया
  • एशियन ट्रैक फील्ड मनीला 2003 के 1500 मी. दौड़ में दूसरा स्थान प्राप्त किया
  • एफ्रो एशियन गेम्स हैदराबाद 2003 की 1500 मी. में तीसरा स्थान प्राप्त किया
  • एशियन गेम्स बुसान 2003 की 800 मी. में सिल्वर
  • सैफ गेम्स पाकिस्तान 2004 की 1500 मीटर में पहला स्थान प्राप्त कर गोल्ड जीता
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