जुबिली न्यूज डेस्क
यूक्रेन से एक भारतीय लड़की को वापस लाने से जुड़ी एक याचिका पर शीर्ष अदालत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने कहा है कि दुर्भाग्य की बात है कि हमने अतीत से कुछ नहीं सीखा।
अदालत ने इस मामले में कोई आदेश नहीं दिया और कहा कि हम सिर्फ छात्रों को लेकर चिंतित हैं।
फातिमा अहाना नाम की एक छात्रा ने ख़ुद को यूक्रेन से निकाले जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। छात्रा रोमानिया की सीमा पर फंसी थीं और उन्हें आगे नहीं जाने दिया जा रहा था।
भारत के अटॉर्नी जनरल (एजी) केके वेणुगोपाल ने शीर्ष अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता को अन्य लोगों के साथ विशेष फ्लाइट से आज रात वापस लाया जाएगा।
सीजेआई एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच इस याचिका की सुनवाई कर रही है। बेंच ने अटॉर्नी जनरल को यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए उठाए जा रहे सरकार के कदमों की जानकारी देने को कहा था।
वकील को भी दी सलाह
याचिकाकर्ता के वकील विशाल तिवारी ने कहा कि सबसे अधिक चिंता उन छात्र-छात्राओं की है, जो खारकीव में हैं क्योंकि वो यूक्रेन की सीमाओं से करीब 1000 किमी दूर हैं।
सीजेआई ने कहा, ”हम जानते हैं कि ये संवेदनशील मसला है। कृपया इसके जरिए लोकप्रियता पाने की कोशिश ना करें। हमने आपकी पिछली याचिका देखी है।”
अदालत ने एजी को मौजूदा स्थिति बताने के लिए कहा। अटॉर्नी जनरल ने अदालत को बताया कि इस संबंध में नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को जानकारी दी गई है। वह इस मामले में रोमानिया के प्रभारी हैं।
एजी ने बताया कि वो लड़की रोमानिया में है और उन्हें उनके साथियों (दूसरे कॉलेज छात्र-छात्राएं) के साथ आज वापस लाया जाएगा।
सुनवाई के दौरान सीजेआई रमन्ना ने कहा, ”ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमने युद्ध की पुरानी स्थितियों से सीखा नहीं है। हमारे पास इसमें कहने के लिए अधिक कुछ नहीं है लेकिन स्टूडेंट्स को लेकर चिंताएं हैं। ‘
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अब तक निकाले 17 हजार लोग
सुप्रीम कोर्ट के सवाल पर अटॉर्नी जनरल ने बताया, ”अब तक यूक्रेन से 17 हजार लोगों को निकाला जा चुका है। भारत सरकार हर नागरिक को वापस लाने के लिए सभी कोशिशें कर रही है। हमारे पास कुवैत से लाखों लोगों को निकालने का अनुभव है।”
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उन्होंने यह भी जानकारी दी कि करीब 7000 लोग यूक्रेन में फंसे हैं और भारत सरकार उन्हें जल्द से जल्द लाने के लिए सभी कदम उठा रही है।
अब कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनावई अगले शुक्रवार के लिए तय की है। बेंच ने कहा, ”हम कोई आदेश जारी नहीं कर रहे हैं। हम बस स्टूडेंट्स को लेकर हो रही घबराहट को लेकर चिंतित हैं।”