स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप केस में दोषियों को आखिर कब होगी फांसी, इसको लेकर लगातार चर्चा देखने को मिल रही है। दरअसल फांसी से बचने के लिए दोषियों ने कई तरह की कानूनी मदद लेने की कोशिश की है लेकिन इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा को लेकर गाइडलाइन तय की है।
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इसके तहत अगर कोई हाइकोर्ट किसी मौत की सजा होती है तो सुप्रीम कोर्ट अगर इसपर सुनवाई के लिए सहमत होता है तो तो 6 महीने के भीतर मामले को तीन जजों की पीठ में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा, भले ही अपील तैयार हो या नहीं।
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इस गाइड लाइन पर गौर करे तो मामला तीन जजों की पीठ में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध होने के बाद रजिस्ट्री इस संबंध में मौत की सजा सुनाने वाली अदालत को इसकी सूचना देगी और 60 दिनों के भीतर केस संबंधी सारा रिकॉर्ड सुप्रीम कोर्ट भेजा जाएगा, या जो समय अदालत तय करे।
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गौरतलब हो कि निर्भया गैंगरेप और हत्या के मामले में नया डेथ वारंट जारी करने को लेकर दाखिल हुई याचिका की सुनवाई के दौरान पटियाला हाउस कोर्ट में निर्भया की मां रो पड़ी थी।
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सुनवाई के दौरान निर्भया की मां आशा देवी कोर्ट में फूट-फूटकर रोईं। उन्होंने कोर्ट से कहा कि मेरे अधिकारों का क्या ? मैं भी इंसान हूं, मुझे सात साल हो गए, मैं हाथ जोड़कर न्याय की गुहार लगा रही हूं। कृपया दोषियों को डेथ वारंट जारी करें।