जुबिली न्यूज डेस्क
हमारे देश में सास-बहू की लड़ाई आम बात है। कोई बहू जब शिकायत करती है तो उसे नसीहत दी जाती है कि इसे दिल पर न लो। यह तो शादीशुदा जीवन का एक अहम हिस्सा माना जाता है। ऐसा अदालत भी मानती है।
मुंबई की एक कोर्ट ने शादी के बाद पारिवारिक जीवन को लेकर अहम फैसला सुनाया है। अदालत ने मजाक में बातचीत करना और सास-ससुर के तानों को शादीशुदा जिंदगी का हिस्सा करार दिया है। यह हर परिवार में होता है।
सेशन कोर्ट ने मालाबार हिल निवासी 80 और 75 साल की उम्र वाले बुजुर्ग कपल को अग्रिम जमानत दे दी है।
क्या है मामला
एक महिला ने शादी के बाद अपने सास-ससुर पर गलत तरीके से व्यवहार करने का आरोप लगाया था। इसके साथ ही महिला ने उनकी याचिका को खारिज करने की अपील करते हुए कहा कि सास-ससुर कुछ संपत्तियों के मामले में भी इंटरनैशनल कॉन्सॉर्टियम ऑफ इनवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स की लिस्ट में हैं।
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जिस महिला ने ये आरोप लगाया था उसकी शादी अब दुबई में बस चुके स्कूल फ्रेंड के साथ 2018 में हुई थी। महिला के अनुसार शादी के कुछ दिनों पहले ही रजिस्ट्रेशन के लिए दस्तावेज तैयार करते समय यह पता चला कि पति असल में घर में काम करने वाली का बेटा था, जिसे उसके ‘सास-ससुर’ ने पाल-पोसकर बड़ा किया था।
महिला के मुताबिक उसके सास-ससुर ने एक तो उसे कोई गिफ्ट नहीं दिया और ऊपर से डेढ़ करोड़ रुपये कीमत के हीरे और सोने के आभूषण को भी अपने कब्जे में कर लिया, जिसे उसके पैरंट्स ने शादी में दिया था। साथ ही उसे फ्रिज छूने की इजाजत नहीं थी। बासी खाना परोसा जाता था। लिविंग रूम में सोने को मजबूर किया जाता था।
वहीं जब वह अपने पति से इन सब बातों की शिकायत करती तो वह मजे में लेता और पैरंट्स की सारी बात मानने की सलाह देता।
महिला के अनुसार एक बार दुबई से लौटते वक्त पति ने 15 किलो ड्राई फ्रूट्स भिजवाया। ससुराल पहुंचने पर सास ने पैकेट लेने से पहले बाकायदा उसका वजन कराया। इतना ही नहीं, उसे अपने माता-पिता के घर जाने की इजाजत भी नहीं मिली।
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सास-ससुर पक्ष के वकील ने कहा कि महिला को पति के गोद लिए हुए बच्चा होने की जानकारी पहले से थी। शादी के बाद वह केवल 10 दिनों के लिए ही सास-ससुर के साथ रही। उन्होंने यह भी कहा कि शादी का खर्च भी दोनों परिवारों ने बराबर उठाया है। दुबई चले जाने की आशंका के मद्देनजर कोर्ट ने सास और ससुर का पासपोर्ट जमा करा लिया है।