जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। आज नोटबंदी को पांच साल हो गए। आज ही के दिन 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 500 और 1,000 रुपए के नोटों को चलन से बाहर करने की घोषणा की थी।
मोदी सरकार के इस फैसले का विरोध आज भी जारी है। नोटबंदी के तीन साल पर कांग्रेस समेत विपक्षी दल मोदी सरकार पर हमलावर हैं।
नोटबंदी के 5 साल पूरे होने पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसको लेकर एक बार फिर मोदी सरकार को घेरा है।
https://twitter.com/priyankagandhi/status/1457559829971566596?s=20
नोटबंदी के पांच साल पूरे होने पर प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा कि अगर नोटबंदी सफल थी तो भ्रष्टाचार खत्म क्यों नहीं हुआ? काला धन वापस क्यों नहीं आया? अर्थव्यवस्था कैशलेस क्यों नहीं हुई? आतंकवाद पर चोट क्यों नहीं हुई? महंगाई पर अंकुश क्यों नहीं लगा?
नोटबंदी की 5वीं बरसी पर भाजपा उनका ख़ुलासा करे जो काला धन लेकर विदेश फ़रार हो गये या वहाँ जा बसे। न काला धन रुका, न भ्रष्टाचार, न आतंकवाद। नोटबंदी से अर्थव्यवस्था व आय बढ़ने का भाजपाई दावा अगर सच होता तो आयकर संग्रहण बढ़ता, पर बढ़ा काला धन।
ज़रूरत नोटबंदी की नहीं खोटबंदी की है। pic.twitter.com/GAyhP75ytd
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 8, 2021
दूसरी ओर अखिलेश यादव ने नोटबंदी पर मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने ट़्वीटर पर एक फोटो शेयर करते हुए लिखा है कि नोटबंदी की 5वीं बरसी पर भाजपा उनका खुलासा करें जो कालाधन लेकर विदेश फरार हो गए या वहां जा बसे।
न काला धन रुका, न भ्रष्टाचार, न आतंकवाद। नोटबंदी से अर्थव्यवस्था व आय बढऩे का भाजपाई दावा अगर सच होता तो आयकर संग्रहण बढ़ता, पर यहां काला धन बढ़ा है।
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने ट्वीट किया, आज नोटबंदी के पूरे 5 साल हो गए लेकिन न ही कालाधन वापस आया और न भ्रष्टाचार और आतंकवाद बंद हुआ।
मोदी जी ने 3 महीने मांगे थे, अब आप ही बता दें कि हमें किस चौराहे पर आना है। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव ने कहा, नोटबंदी के 5 साल बीत जाने का आमजन पर क्या प्रभाव पड़ा और देश को क्या हासिल हुआ?
बता दें कि मोदी सरकार के इस फैसले पर सवाल उठा था। अधिकांश अर्थशास्त्रियों ने इस फैसले को गलत बताया था और कहा था कि इसके दूरगामी परिणाम होंगे और इसका भारत की अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर होगा। आखिरकार अर्थशास्त्रियों की भविष्यवाणी सही साबित हुई।