जुबिली न्यूज डेस्क
कोरोना के नये वेरिएंट ओमिक्रॉन की दहशत के बीच एक नये अध्ययन में पता चला है कि कोरोना वायरस के अन्य वेरिएंट्स की तुलना में ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित होने वाले 50 से 70 प्रतिशित लोगों को अस्पताल में भर्ती की कम जरूरत पड़ सकती है।
यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी ने कहा है कि इसकी शुरुआती जानकारियां ‘उत्साहित’ करने वाली हैं लेकिन फिर भी ये वेरिएंट बड़ी संख्या में लोगों को अस्पताल पहुंचा सकता है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आगे क्या होगा ये तय करना अभी जल्दबाजी होगी।
अध्ययन में यह भी बताया गया है कि कोरोना वैक्सीन की ओमिक्रॉन वायरस से संक्रमति होने से बचाने की क्षमता बूस्टर डोज के आठ हफ्तों बाद कम होनी शुरू हो जाती है।
मामले हल्के लेकिन संक्रमण अधिक
ताजा विश्लेषण नवंबर से ब्रिटेन में आए ओमिक्रॉन और डेल्टा के मामलों पर आधारित है। इसमें वो 132 लोग भी शामिल हैं जिन्हें इस वेरिएंट के कारण अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।
ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित होने से 28 दिनों में 14 लोगों की मौत भी हुई है। लेकिन इससे ये भी पता चला है कि 31 से 45 प्रतिशत कम लोगों को आपात स्थिति में अस्पताल जाना पड़ा।
इसके अलावा 50 से 70 फीसदी कम लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।
हालांकि, वायरस का हल्का प्रभाव भी अस्पतालों पर दबाव बढ़ा सकता है क्योंकि यह बड़ी तेजी से फैलता है।
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अगर बड़ी संख्या में लोग ओमिक्रॉन से संक्रमित होंगे तो वायरस के हल्के लक्षण का फायदा भी नहीं मिलेगा। ब्रिटेन में कोरोना संक्रमण के एक दिन में एक लाख 19 हजार से अधिक मामले सामने आए हैं। यहां 28 दिनों में 147 मौतें हुई हैं।
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फिलहाल इसको लेकर अनिश्चितता भी बनी हुई है कि बुज़ुर्गों में ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले सामने आने पर क्या होगा। अभी तक जो लोग ओमिक्रॉन के चलते अस्पताल पहुंच रहे हैं उनमें 40 से कम उम्र के लोग ही हैं।