जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के डाकघर में सबसे बड़ा घोटाला सामने आया है। जिले के प्रधान डाकघर के एक दो नहीं, बल्कि सैकड़ों खातों से करोड़ों रुपए निकाल लिए गए।
इस मामले में शहर की कैंट थाने की पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच भी शुरू कर दी है। वहीं डाक विभाग ने अपने दो सुपरवाइजर और 2 बाबूओं को भी तुरंत निलंबित कर दिया है।
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वाराणसी के नदेसर स्थित कैंट प्रधान डाकघर में सैकड़ों की संख्या में जुटे खाताधारक किसी स्कीम का फायदा उठाने के लिए भीड़ में संघर्ष नहीं कर रहें हैं, बल्कि अपने खून पसीने के मेहनत की उस कमाई की जांच पड़ताल में लगे हैं जो इन्होंने डाकघर में सुरक्षित समझा था, लेकिन हुआ इसके ठीक उल्ट।
जब कुछ खाताधारकों ने अपनी जमा पूंजी पर एमआईएस करा रखा था और मासिक ब्याज लेते थे। जब वक्त पर उनका ब्याज नहीं आया तो उन्होंने जानकारी की और जो कुछ पता चला तब उनके होश उड़ गए।
जहां उनके खातों में लाखों रूपए थे। वहा सभी पैसे निल हो गए। बताया गया कि इसी वजह से उनको ब्याज नहीं मिल रहा है। ये बात अन्य खाताधारकों तक भी पहुंची तो सभी अपने खातों की जांच पासबुक के अनुसार कराने में जुट गए।
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पता ये चला कि मैनुअली डाकघर के बाबूओं ने पासबुक पर अमाउमट लिखकर और मुहर लगाकर दे दिया था, लेकिन जब कम्प्यूटराइज्ड स्टेटमेंट जब पासबुक पर छपा तो सैकड़ो खाताधारकों के खातों से लाखों- लाखों रूपए गायब हो गए थे।
माना जा रहा है कि ये अभी तक वाराणसी के डाकघरों में सबसे बड़ा 2 करोड़ रूपयों से ज्यादा का गबन है। अब खाताधारक इस फ्रॉड की शिकायत पुलिस से कर रहें हैं।
वहीं दूसरी ओर इतने बड़े गबन के बारे में प्रधान डाकघर के सबसे बड़े अधिकारी पोस्टमास्टर जनरल से जब बात करने की कोशिश की गई तो उनके छुट्टी पर जाने की बात चली और उनके आफिस के बाहर ताला लटका मिला।
उनके अलावा बड़े मुश्किल से नीचे के अधिकारियों ने अपने कर्मचारियों का नाम लिए बगैर सारा दोष एक एजेंट पर डाल दिया और बताया कि खाताधारकों के साथ अन्याय नहीं होने पायेगा।
वहीं वाराणसी एडीजी जोन के संज्ञान में मामला आते ही शहर के कैंट थाने में पांच खाताधारकों की शिकायत पर पुलिस ने फ्रॉड सहित कई अन्य गंभीर धाराओं में मुकदाम दर्ज कर जांच शुरू कर दिया है। वक्त बीतने के साथ ही साथ इस घोटाले की रकम की उम्मीद और भी बढने की उम्मीद है।