न्यूज डेस्क
ओमान के सुल्तान काबूस बिन सईद का बीती रात निधन हो गया। वो लंबी बीमारी से जुझ रहे थे। काबूस बिन सईद अब तक के ईस्ट और अरब देशों में सबसे ज्यादा समय तक राज करने वाले शासक रहे। उन्होंने 1970 में अपने पिता से गद्दी लेकर संभाली थी। अपनी शासन में उन्होंने ओमान को गरीबी से निकालकर विकास की पटरी पर लाकर खड़ा किया था।
सुल्तान कबूस के निधन पर पीएम नरेन्द्र मोदी ने गहरा दुःख जताया है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट करते हुए लिखा कि सुल्तान काबूस बिन सईद के निधन के बारे में जानकर मुझे गहरा दुख हुआ है। वह एक दूरदर्शी नेता और राजनेता थे, जिन्होंने ओमान को एक आधुनिक और समृद्ध राष्ट्र में बदल दिया। वह दुनिया के लिए शांति के प्रतीक थे।
I am deeply saddened to learn about the passing away of His Majesty Sultan Qaboos bin Said al Said. He was a visionary leader and statesman who transformed Oman into a modern and prosperous nation. He was a beacon of peace for our region and the world. pic.twitter.com/7QnGhM5lNA
— Narendra Modi (@narendramodi) January 11, 2020
सुल्तान काबूस बिन सईद 79 वर्ष के थे। वे लगातार 1970 से इस पद पर बने हुए थे। उनके कार्यालय की तरफ से कहा गया कि उनका लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उनके निधन पर पर रॉयल कोर्ट के दीवान ने शोक संदेश जारी किया। सुल्तान काबूस के निधन पर तीन दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है।
शोक संदेश में कहा गया, ’14वें जुमादा अल-उला सुल्तान काबूस बिन सैद का निधन हो गया। पिछले 50 वर्षों में एक व्यापक पुनर्जागरण की स्थापना के बाद से उन्होंने 23 जुलाई 1970 को सत्ता संभाली थी। इस पुनर्जागरण के परिणामस्वरूप एक संतुलित विदेश नीति बनी जिसे पूरी दुनिया ने सम्मान मिला।’
2004 में मिला था भारत का जवाहरलाल नेहरू अवार्ड फॉर इंटरनेशनल अंडरस्टैंडिंग
यही नहीं साल 2015 में ईरान और अमेरिका के बीच न्यूक्लियर डील कराने में ओमान का अहम योगदान था। ओमान के कहने पर ही अमेरिका, ईरान के साथ न्यूक्लियर डील करने के लिए तैयार हुआ था। इसके अलावा भारत के साथ भी सईद के अच्छे रिश्ते थे। भारत ने 2004 में उन्हें जवाहरलाल नेहरू अवार्ड फॉर इंटरनेशनल अंडरस्टैंडिंग दिया था।