यशोदा श्रीवास्तव
काठमांडू। पिछले दिनों काठमांडू में पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र के समर्थन में आयोजित प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा,आगजनी,तोड़ फोड़ की घटनाओं में पूर्व नरेश की संलिप्तता के संकेत के बाद सरकार ने पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र की सुरक्षा में कटोती कर दी है।
इस बीच सोमवार को संसद में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह को जनमत न भड़काने की चेतावनी दी है। प्रतिनिधि सभा की बैठक को संबोधित करते हुए, ओली ने पूर्व राजा शाह द्वारा की गई गतिविधियों का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने संविधान का उल्लंघन किया है। उन्होंने बताया कि उसी दिन समाजवादी मोर्चा का भृकुटीमंडप में कार्यक्रम शांतिपूर्ण रहा।
प्रधानमंत्री ओली ने कहा कि अराजक लोगों को बुलाकर हिंसा भड़काने का काम किया गया । लोकतंत्र बहाली के दौरान पूर्व राजा के साथ हुई सहमति को शाह ने तोड़ा है।
उन्होंने चेतावनी दी कि राजा समर्थन में तिनकुने की घटना में शामिल हर आरोपी को प्रशासनिक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। ओली ने कहा की पुलिस की बंदूक छीनने, गुंडागर्दी, मारपीट, लूटपाट जैसी आपराधिक घटनाओं के जरिए राजा वादी लोग आखिर क्या संदेश देना चाहते थे?
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि “इस घटना में जो भी शामिल होगा, चाहे वह किसी भी पद पर हो, उसे प्रशासनिक कार्रवाई का सामना करना होगा।”
प्रधानमंत्री ओली ने जानकारी दी कि इस घटना की जांच शुरू हो चुकी है। “सरकार इस मामले में गहराई से जांच कर रही है कि इसके योजनाकार कौन थे और इसमें कौन-कौन संलिप्त था।”
ओली ने कहा यह सब अचानक नहीं हुआ। सरकार को अस्थिर करने की साज़िश साल भर पहले से चल रही थी। उन्होंने बताया कि “इसी बीच, तत्कालीन राजा ज्ञानेन्द्र शाह ने फरवरी के अंत में अपने लोगों को आगे बढ़ने, साथ देने’ की बात कहते हुए एक बयान दिया। इसके तुरंत बाद, जगह-जगह स्वागत कार्यक्रम आयोजित किए गए और जनमत को भड़काने की कोशिशें शुरू कर दी गईं। प्रधानमंत्री ओली ने कहा की”प्रारंभिक अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि तत्कालीन राजा ज्ञानेन्द्र शाह ने संविधान सभा के ऐतिहासिक निर्णय के बाद हुए समझौते का उल्लंघन किया है।”
गद्दी छोड़ते समय राजा से हुआ था यह समझौता
लोकतंत्र बहाली के समय यह सहमति बनी थी कि नागरिक के रूप में उन्हें शांतिपूर्ण जीवन जीने का अधिकार होगा, वे कानूनी और संवैधानिक अधिकारों का पालन करते हुए व्यापार और व्यवसाय चला सकेंगे। पूर्व राष्ट्रप्रमुख होने के नाते, सरकार उनकी सुरक्षा की व्यवस्था करेगी।
उन्हें नागार्जुन दरबार का उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी, और उनकी माता को नारायणहिटी दरबार परिसर के भवन में रहने की सुविधा दी जाएगी।” प्रधानमंत्री ओली ने आगे बताया, “तत्कालीन गृह मंत्री श्री कृष्णप्रसाद सिटौला ने सरकार की ओर से इस समझौते के लिए संवाद और प्रबंधन किया था।”
हिंदू राष्ट्र के पक्ष में नेपाली कांग्रेस
नेपाली कांग्रेस के नेता डॉ. शशांक कोईराला ने पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र के क्रिया कलापों से असहमति के बावजूद हिंदू राष्ट्र के पक्ष में अपनी राय दी है। उन्होने
कहा कि पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह को बार-बार मौका दिए जाने के बावजूद उन्होंने सत्ता का दुरुपयोग किया।
सोमवार को संघीय संसद परिसर में पत्रकारों से संक्षिप्त बातचीत के दौरान उन्होंने यह बात कही। उन्होंने कहा कि अगर फिर से मौका दिया गया तो इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि राजा सत्ता का दुरुपयोग नहीं करेंगे, इसलिए अब राजा की कोई आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने कहा कि शासन व्यवस्था को आगे कैसे बढ़ाना है, यह जनता तय करेगी। साथ ही, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे हिंदू राष्ट्र के पक्ष में हैं।