जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. पिछले दिनों भोपाल में पकड़े गए बांग्लादेश के आतंकियों से एटीएस की पूछताछ में सनसनीखेज खुलासे हुए हैं. जमात-ए-मुजाहिदीन के यह आतंकी भोपाल को दहलाने की साज़िश के साथ पहुंचे थे लेकिन वारदात से पहले ही पकड़ लिए गए. इन आतंकियों के निशाने पर विधानभवन, बिरला मन्दिर, मंत्रालय और शहर के कुछ माल थे. इन आतंकियों की मंशा भोपाल को इस तरह से निशाना बनाने की थी कि ज्यादा से ज्यादा लोगों का खून बहे.
भोपाल पहुँचने के बाद इन आतंकियों ने उन ठिकानों का खुद जाकर जायजा लिया था जहाँ पर इन्हें धमाके करने थे. इन आतंकियों ने शहर के चप्पे-चप्पे का भ्रमण किया था. सेना के क्षेत्र को भी इन्होंने अच्छी तरह से समझा था. अगर इन्होंने पकड़े जाने से पहले घटनाक्रम को अंजाम दे दिया होता तो इन्हें तलाश कर पाना भी बहुत मुश्किल काम होता क्योंकि यह भोपाल की हर सड़क और हर गली से वाकिफ हो गए थे.
बांग्लादेश से आये तीन आतंकियों ने अपने षड्यंत्र में बिहार के एक युवक को शामिल किया था. बाद में विदिशा के हैदरगढ़ इलाके से भी एक युवक को शामिल किया. पाँचों आतंकियों फजहर अली, मोहम्मद अकील, ज़हूरुद्दीन, फजहर जैनुल और शाहवान ने पूरी योजना इस तरह से बनाई थी कि वारदात के बिहार और मध्य प्रदेश में ही अपने छुपने का इंतजाम कर लिया था.
इन आतंकियों ने भोपाल के विभिन्न इलाकों को बाइक से घूमकर समझा था. इन्होंने राजधानी की महत्वपूर्ण इमारतों को निशाना बनाने का फैसला किया था ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान जाए. 25 मार्च तक यह आतंकी रिमांड पर हैं. इनसे हो रही पूछताछ में जो खुलासे हो रहे हैं वह दहलाने वाले हैं.
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