जुबिली न्यूज डेस्क
आज सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में स्थित लाल बहादुर शास्त्री भवन के सीएम कमांड सेंटर का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने प्रदेश भर में चल रही विभिन्न परियोजनाओं और विभागों के कार्यों की समीक्षा की और जनहित से जुड़े कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही को अस्वीकार किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छे कार्यों की कोई कमी नहीं है, बस उन्हें प्रोत्साहन की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री योगी ने विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए कि योजनाओं और विभागों की निगरानी को तीन कैटेगरी—ए, बी और सी—में बांटा जाए। इसके तहत जनपद स्तर पर प्रतिदिन, साप्ताहिक और पाक्षिक समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि रिपोर्ट में दिया गया डेटा सही और वास्तविक हो, और इसे मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचाना जरूरी होगा।
मासिक समीक्षा और फ्लैगशिप योजनाओं की निगरानी
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि महीने में एक बार मंत्री स्तर पर सभी योजनाओं और विभागों की समीक्षा की जाए, ताकि उनकी प्रगति और प्रदर्शन को सही तरीके से ट्रैक किया जा सके। उन्होंने फ्लैगशिप योजनाओं की निगरानी के लिए एक रैंकिंग प्रणाली विकसित की है, जो योजना की क्वालिटी और स्पीड को ट्रैक करेगा। जिन विभागों में सुधार की आवश्यकता है, उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन दिया जाएगा।
क्वालिटी और ट्रांसपेरेंसी पर दिया जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभागों को केवल संख्या में सुधार करने के बजाय कार्य की गुणवत्ता और पारदर्शिता पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने एमएसएमई विभाग को विशेष रूप से निर्देश दिया कि ओडीओपी (One District One Product) योजना को और आगे बढ़ाया जाए, और इसमें प्रत्येक जिले के विशिष्ट उत्पादों को शामिल किया जाए।
परफॉर्मेंस डेटा की जांच और सुधार
सीएम योगी ने विभागों को उनके द्वारा दिए गए प्रदर्शन डेटा की रैंडम चेकिंग करने का आदेश दिया। साथ ही, उन्होंने कहा कि प्रत्येक विभाग को इस बात पर ध्यान देना होगा कि उसकी योजनाओं की प्रगति सही दिशा में हो और उन विभागों के सक्सेस स्टोरीज़ को अन्य विभागों के साथ साझा किया जाए।
मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि सरकार की जो भी योजना चल रही है, उसका उद्देश्य तभी पूरा माना जाएगा जब वह 100% सैचुरेटेड होगी। उन्होंने सभी विभागों से अनुरोध किया कि वे अपनी योजनाओं के लाभार्थियों की सही जानकारी सुनिश्चित करें और यह सुनिश्चित करें कि योजनाओं का लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे।
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आईजीआरएस और शिकायतों का निस्तारण
आईजीआरएस की समीक्षा करते हुए, मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित विभागों से कहा कि वे शिकायतों के निस्तारण में अधिक से अधिक टेक्नोलॉजी का उपयोग करें और संतुष्टि दर को बढ़ाने के प्रयास करें। उन्होंने कहा कि रेवेन्यू, पुलिस, हेल्थ, नगर निगम, पंचायती राज और अन्य विभागों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर शिकायत का समाधान त्वरित तरीके से हो।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि सभी महत्वपूर्ण परियोजनाओं, जैसे कानपुर मेट्रो, की निरंतर प्रगति की निगरानी की जाए और संबंधित अधिकारियों को नियमित रूप से अपडेट किया जाए। साथ ही, निवेश मित्र पेंडिंग मामलों का शीघ्र निस्तारण किया जाए, ताकि राज्य में निवेश और विकास के कार्य सुचारू रूप से चल सकें।