न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही जंग में पूरे देश में लॉकडाउन है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया है। उससे काफी हद तक कोरोना संक्रमण पर लगाम लग भी रही है। लेकिन दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज से आए जमातियों ने यहां का आंकड़ा बिगाड़ दिया।
यूपी में कोरोना मरीजों की संख्या के लगभग आधे में जमाती ही कोरोना पॉजिटिव हैं। लेकिन इन सबके बीच उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से एक सुखद खबर है। यूपी पुलिस मुख्यालय की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार संपूर्ण लॉकडाउन घोषित होने के बाद से यूपी में अपराधों की संख्या में भारी कमी आई है।
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उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय की तरफ से 1 अप्रैल से 15 अप्रैल और 1 मार्च से 15 मार्च के बीच दर्ज किए गए अपराध के तुलनात्मक अध्ययन के साथ आंकड़े जारी किए गए हैं। इन आंकड़ों के अनुसार पूर्ण लॉकडाउन में लूट की घटनाओं में 89% की कमी आई है।
यूपी में 1 मार्च से 15 मार्च के बीच लूट की 83 घटनाएं हुई थीं, जबकि पूर्ण लॉकडाउन में 1 अप्रैल से 15 अप्रैल के बीच पूरे प्रदेश में लूट की मात्र 9 घटनाएं हुई हैं। इसके आलावा भी अन्य अपराधों में काफी कमी आई है।
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हत्या मामलों में 35% की कमी
यूपी में हत्या के मामलों में भी काफी कमी देखने को मिली है। 1 मार्च से 15 मार्च के बीच पूरे प्रदेश में 154 हत्या के मामले दर्ज किए गए थे, वहीं 1 अप्रैल से 15 अप्रैल के बीच पूरे प्रदेश में 100 हत्या के मामले दर्ज किए गए। इस तरह से तुलनात्मक अध्ययन में हत्या के मामलों में 35% की कमी आई है।
पुलिस सड़क पर मुस्तैद इसलिए कम हुए अपराध
अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था पी.वी. रामाशास्त्री का कहना है कि इस समय पुलिस सड़क पर व गांवों में 24 घंटे लॉकडाउन का पालन करवाने के लिए मुस्तैद है। इसलिए अपराधों में गिरावट आई है। इसके अलावा भी अपराधियों पर अंकुश लगाने में पुलिस द्वारा चलाई जा रही मुहीम भी पूरी तरह कारगर साबित हुई है।
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