जुबिली न्यूज डेस्क
आजकल डिजिटल मीडिया, फोन रील्स और वेबसाइटों पर ऐसे विज्ञापन और पोस्टर्स अक्सर नजर आते हैं जो यह दावा करते हैं कि आप सिर्फ 1 महीने में अपना वजन कम कर सकते हैं। इसी के चलते भारत में जिम का क्रेज तेजी से बढ़ा है और मोटापे को अब एक गंभीर बीमारी माना जाने लगा है। एक हालिया सर्वे के अनुसार, Ipsos Health Services की 2024 रिपोर्ट बताती है कि भारत की 70% शहरी आबादी मोटापे या अधिक वजन की कैटेगरी में आती है, जबकि करीब 30 मिलियन लोग मोटापे से ग्रस्त हैं।
विभिन्न बीमारियों को लेकर चिंताएँ
1. कैंसर बनाम मोटापा
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कैंसर: 2024 की रिपोर्ट में 47% लोग कैंसर से परेशान दिखाई देते हैं, जो कि पिछले साल की तुलना में 12% कम है।
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मोटापा: वहीं, मोटापे को लेकर चिंतित लोगों की संख्या पिछले एक साल में 14% बढ़कर 28% हो गई है। पिछले चार साल में मोटापे से चिंता करने वालों की संख्या 9% से 28% तक तीन गुनी बढ़ गई है।
2. मेंटल हेल्थ, ड्रग सेवन और तनाव
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मेंटल हेल्थ को लेकर 2024 में 26% लोग चिंतित हैं, जबकि 2021 में यह 11% था।
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ड्रग सेवन को लेकर 16% और तनाव को लेकर 14% लोग चिंतित हैं।
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रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत में स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता को लेकर 44% लोग संतुष्ट हैं, परंतु 15% लोग इसे खराब मानते हैं, और 62% का मानना है कि अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं का खर्च वह नहीं उठा पाते।
महिलाओं में बीमारी की चिंताएँ
महिलाओं के स्वास्थ्य पर भी विस्तृत सर्वेक्षण किया गया है:
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मेंटल हेल्थ: 13 से 28 वर्ष की 55% महिलाएं मेंटल हेल्थ को लेकर चिंतित हैं।
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अन्य बीमारियाँ: 2024 में 45% महिलाएं मेंटल हेल्थ, 38% कैंसर, 31% तनाव, 26% मोटापा और 21% ड्रग सेवन को लेकर परेशान हैं।
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दुनियाभर में 51% महिलाएं मेंटल हेल्थ समस्याओं का सामना कर रही हैं, जबकि पुरुषों में यह आंकड़ा लगभग 41% है।
ग्लोबल परिदृश्य
पूरी दुनिया में कैंसर के बाद मेंटल हेल्थ सबसे बड़ी चिंता बनी हुई है। रिपोर्ट के अनुसार,
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कैंसर से चिंता: लगभग 38% लोग कैंसर से परेशान हैं, जिसमें इटली में यह दर 56% तक पहुंच गई है।
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मोटापा की चिंता: मोटापे से सबसे अधिक चिंता मैक्सिको में देखी गई है।
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हृदय रोग: भारत में हृदय रोग को लेकर 33% लोग चिंतित हैं।
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Ipsos Health Services की 2024 रिपोर्ट ने स्पष्ट किया है कि भारत में मोटापे की समस्या लगातार बढ़ रही है। जबकि कैंसर से जुड़ी चिंताएँ घटी हैं, मोटापे से संबंधित डर में चौगुनी वृद्धि हुई है। स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरूकता के साथ-साथ भारतीय लोग डाइट, एक्सरसाइज और योगा जैसी स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधियों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। हालांकि, लंबे इंतजार और स्टाफ की कमी जैसी समस्याएं भी सामने आ रही हैं, जिसके चलते बहुत से लोग अच्छी स्वास्थ्य सेवा का खर्च नहीं उठा पाते। इस बढ़ती समस्या के मद्देनजर, हेल्थकेयर सिस्टम में सुधार और जागरूकता अभियान को और प्रभावी बनाने की आवश्यकता है।