जुबिली स्पेशल डेस्क
हरियाणा के मेवात-नूंह में हुए दंगों के बाद अब पुलिस अब एक्शन में नजर आ रही है। इतना ही नहीं पुलिस ने दंगों की शुरुआती जांच में जुट गई है। इसका नतीजा ये हुआ कि पुलिस ने नूंह में रोहिंग्याओं और अवैध घुसपैठियों पर बड़ी कार्रवाई की है।
दरअसल पुलिस ने तावडू रोहिंग्याओं और अवैध घुसपैठियों के अवैध कब्जे पर बुलडोजर चलाया। इस बीच हरियाणा के नूंह-मेवात में हिंसा के दौरान हुई बजरंग दल के नेता प्रदीप शर्मा की मौत के मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है।
दरअसल प्रदीप शर्मा की मौत के मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता जावेद अहमद घिरते नजर आ रहे हैं। पुलिस ने हत्या के इस मामले में हरियाणा AAP माइनोरिटी सेल अध्यक्ष जावेद अहमद को मुख्य आरोपी बनाया है।
इस दौरान पुलिस ने इस पूरे मामले में उनसे कड़ी पूछताछ कर चुकी है। AAP नेता ने खुद पर लगे आरोपों को झूठा करार दिया है।
एफआईआर में क्या-क्या लिखा है
बजरंग दल के कार्यकर्ता प्रदीप कुमार की हत्या को लेकर नया खुलासा तब देखने को मिला जब केस दर्ज हुआ। सोहना के निरंकारी चौक पर 31 जुलाई को बजरंग दल के कार्यकर्ता प्रदीप कुमार की हत्या हुई थी।
वारदात के दिन प्रदीप के साथ उनका दोस्त पवन कुमार भी था। इस एफआईआर में बताया गया है कि नूंह के नलहड मंदिर से रेस्क्यू कराने के बाद उन्हें नूंह पुलिस लाइन लाया गया।
वहां से रात 10:30 बजे वो अपनी तीन गाड़ियों घर के लिए निकले। उन्हें एक पुलिस वैन एस्कॉर्ट कर रही थी। सोहना के पास पुलिस वैन के पुलिसकर्मी यह कहते हुए चले गए की आगे रूट क्लीयर है। पुलिसकर्मियों के जाते ही एक स्कॉर्पियो कार ने उनका पीछा करना शुरू कर दिया।
इसके बाद केएमपी एक्सप्रेस टोल प्लाजा के पास उनकी गाड़ी को कार ने ओवरटेक करके रुकवा लिया। पवन के मुताबिक भीड़ में मौजूद जावेद अहमद ने कहा की इन्हें मार दो बाकी मैं देख लूंगा। इसके बाद भीड़ ने दोनों को कार से निकालकर बुरी तरह पीटा।
पवन को तो पुलिस वहां से निकालकर ले गई, लेकिन प्रदीप नहीं निकल सका. उसके सिर पर लोगों ने रॉड से हमला किया था। बाद में प्रदीप की दिल्ली के अस्पताल में मौत हो गई। पवन ने एफआईआर में लिखाया है कि वह जावेद अहमद को अच्छी तरह पहचानता है। उन्हें सोहना पर भी 200 लोगों की भीड़ मिली, जिसे जावेद अहमद लीड कर रहा था।
बता दें कि नूंह में हिंसा हो रही है। दरअसल यहां पर एक धार्मिक जुलूस में विश्व हिंदू परिषद और मातृशक्ति दुर्गा वाहिनी की तरफ से निकाली जा रही ब्रजमंडल यात्रा के दौरान दो गुटों में विवाद पैदा हो गया था। विवाद इतना ज्यादा आगे बढ़ गया था कि पथराव और आगजनी तक मामला जा पहुंचा था।
इस पूरी घटना में 6 लोगों की मौत हो गई और कम से 30 के घायल होने की बात सामने आई थी। पुलिस ने अब तक हिंसा से जुड़ीं घटनाओं में 41 FIR दर्ज की हैं। इसके साथ इसपर कड़ा एक्शन लेते हुए अब तक 139 आरोपियों को गिरफ्तार किया ।